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आबकारी उद्योग में निवेश को मिला नया आयाम

उत्तर प्रदेश बना निवेशकों की पहली पसंद

आबकारी क्षेत्र में अब तक 6747.88 करोड़ का निवेश, प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 25,000 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हुए – नितिन अग्रवाल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  नितिन अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उद्योगों के अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने तथा ’ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देने के फलस्वरूप प्रदेश में आबकारी क्षेत्र में अब तक 6747.88 करोड़ का निवेश दर्ज किया गया है। इन 43 परियोजनाओं में से लगभग आधी परियोजनाएं संचालित हो चुकी हैं। उन्होंने अन्य परियोजनाओं को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

अग्रवाल विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में प्रदेश की अर्थव्यवस्था वन ट्रिलियन डॉलर किये जाने की महत्वाकांक्षी योजना को मूर्तरूप देने हेतु आबकारी क्षेत्र में निवेश के अद्यतन स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई नई आबकारी नीति ने निवेशकों को आकर्षित किया है और इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है। आने वाले वर्षों में हम और अधिक निवेश आकर्षित करने हेतु नई योजनाओं पर कार्य कर रहे हैं। जिसमें बॉटलिंग प्लांट, डिस्टिलरी और बायो-ईथेनॉल उत्पादन जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इससे राज्य में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 25,000 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं।

आबकारी मंत्री ने कहा कि प्रदेश में आबकारी क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विशेष कदम उठाए है। प्रमुख रूप से नई डिस्टिलरी नीति के तहत निवेशकों को भूमि, बिजली और टैक्स में रियायतें दी गईं हैं। ई-लाइसेंसिंग प्रणाली से अनुमतियाँ तेज और पारदर्शी की गई है। बायो-ईथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहन देकर ग्रीन एनर्जी की दिशा में भी योगदान दिया गया है। एमएसएमई इकाइयों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सितम्बर 2025 तक लगभग 175 करोड़ के निवेश से 4 परियोजनाएँ विभिन्न जनपदों (कानपुर देहात, बिजनौर, उन्नाव, मैनपुरी) में लागू की जाएँगी। दिसम्बर 2025 तक उपरोक्त के अतिरिक्त लगभग 820 करोड़ की 8 परियोजनाएँ निवेश हेतु तैयार हैं। इसमें इथेनॉल प्लांट, ब्रेवरी, वाइनरी तथा ईएनए उत्पादन शामिल हैं।

अग्रवाल ने कहा कि भविष्य की योजनाओं (दिसम्बर 2025 के बाद) में लगभग 3,328 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव विभिन्न निवेशकों द्वारा प्रस्तुत किए गए हैं। इनमें गोरखपुर, मथुरा, संभल, उन्नाव, गाज़ियाबाद, मुज़फ्फरनगर, पूर्वांचल एवं अन्य जिलों में परियोजनाएँ शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में प्रदेश के विभिन्न जिलों में नई इकाइयों की स्थापना की जा रही है, जिससे न केवल राजस्व वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर भी आर्थिक सशक्तिकरण होगा। सरकार आबकारी उद्योग में निवेश बढ़ाने और उसे स्थायी बनाने हेतु प्रतिबद्ध है।

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Author: ntuser1

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