13 जून, शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी हलचल देखने को मिली। सेंसेक्स 573 अंक लुढ़ककर 81,118.60 पर और निफ्टी 170 अंक गिरकर 24,718.60 पर बंद हुआ। बाजार खुलते ही भारी बिकवाली देखी गई और शुरुआती ट्रेडिंग में दोनों इंडेक्स करीब 1.7% तक टूट गए। दिन के अंत तक थोड़ी रिकवरी हुई, लेकिन नुकसान भारी रहा।
इस बड़ी गिरावट की सबसे प्रमुख वजह ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ता सैन्य तनाव रही। इस भू-राजनीतिक उथल-पुथल का असर सिर्फ सेंसेक्स और निफ्टी तक नहीं रहा, बल्कि BSE मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी कमजोरी के साथ बंद हुए। एक दिन में निवेशकों के करीब 2.4 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए, जिससे बाजार की कुल वैल्यूएशन घटकर 447.2 लाख करोड़ रुपये रह गई।
बाजार गिरने की 5 बड़ी वजहें:
इज़राइल-ईरान संघर्ष ने बढ़ाई चिंता
इज़रायली वायुसेना द्वारा ईरान की न्यूक्लियर साइट्स और मिलिट्री ठिकानों पर हमले ने वैश्विक निवेशकों को डरा दिया है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू के ‘न्यूक्लियर प्रोग्राम पर वार’ वाले बयान से साफ है कि यह टकराव और गहराने वाला है।
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल
हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 10% से अधिक की तेजी आई। भारत जैसे तेल आयातक देश के लिए यह सीधी मार है, जो महंगाई और सरकार के खर्च को बढ़ा सकता है।
निवेशकों की सुरक्षित विकल्पों की ओर भागदौड़
संघर्ष के माहौल में निवेशकों ने शेयर बाजार से पैसे निकालकर सोना, डॉलर और बॉन्ड्स जैसे सेफ-हेवन एसेट्स में पैसा लगाया। भारत में सोना 2% तक चढ़ गया।
रुपये में बड़ी गिरावट
डॉलर के मुकाबले रुपया 86.25 पर खुला, जो पिछले दिन से 73 पैसे कमजोर रहा। कमजोर रुपया महंगाई बढ़ाने के साथ-साथ विदेशी निवेशकों के मनोबल को भी प्रभावित करता है।
अमेरिका-चीन ट्रेड डील पर संशय
हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्रेड डील की बात कही, लेकिन मार्केट को इससे अधिक स्पष्टता और ठोस कदमों की उम्मीद थी। अनिश्चितता से बाजार की धारणा कमजोर हुई।

Author: Sweta Sharma
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