भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज स्पेस डॉकिंग टेक्नोलॉजी में नया अध्याय जोड़ते हुए PSLV-C60 के जरिए SpaDeX मिशन (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस मिशन के तहत दो छोटे उपग्रह, चेजर और टारगेट, 220 किलो के वजन के साथ अंतरिक्ष में भेजे गए हैं।
SpaDeX मिशन क्यों है खास?
SpaDeX मिशन भारत को रूस, अमेरिका और चीन के बाद चौथा ऐसा देश बनाएगा, जिसके पास अंतरिक्ष में डॉकिंग करने की तकनीक होगी। यह तकनीक अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भविष्य में अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने और चंद्रमा जैसे गहरे अंतरिक्ष अभियानों के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

डॉकिंग का मतलब:
डॉकिंग का मतलब है दो अंतरिक्ष यानों या उपग्रहों को अंतरिक्ष में जोड़ना, और अनडॉकिंग का अर्थ है उन्हें अलग करना। इस मिशन में चेजर अपने टारगेट का पीछा करेगा, उन्हें डॉकिंग और अनडॉकिंग की प्रक्रिया के तहत जोड़ा और अलग किया जाएगा।
SpaDeX की कामयाबी से जुड़े बड़े मिशन:
इस मिशन की सफलता पर चंद्रयान-4 की योजना निर्भर करती है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा की मिट्टी के नमूने पृथ्वी पर लाना है। यह मिशन 2028 में लॉन्च किया जाएगा। SpaDeX मिशन का परीक्षण भविष्य में भारत के अंतरिक्ष स्टेशन (2035 तक) की स्थापना के लिए बेहद अहम साबित होगा।
मिशन की तकनीकी विशेषताएं:
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PSLV-C60 से 55 डिग्री झुकाव पर 470 किमी की वृत्ताकार कक्षा में दोनों उपग्रह प्रक्षेपित किए गए।
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उपग्रहों का संयुक्त संचालन 66 दिन के चक्र पर आधारित है।
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यह प्रौद्योगिकी साझा मिशनों के लिए कई रॉकेट प्रक्षेपण की जरूरत को कम करेगा।
 
भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में नई उपलब्धि:
SpaDeX की सफलता अंतरिक्ष विज्ञान में भारत के बढ़ते कदमों का प्रमाण है। इसरो के अध्यक्ष ने कहा, “यह मिशन न केवल भारत को अंतरिक्ष डॉकिंग प्रौद्योगिकी में महारत दिलाएगा, बल्कि अंतरिक्ष में दीर्घकालिक उपस्थिति के लिए नए अवसर भी खोलेगा।”
इसरो का यह मिशन भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को और मजबूती प्रदान करेगा। दुनियाभर से इस कदम की सराहना हो रही है।
Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.
								
															
			
			




