निश्चय टाइम्स, लखनऊ। महिला सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने एक अहम कदम उठाया है। स्थानीय स्तर पर चलने वाले ई-रिक्शा, ऑटो, टैम्पो, ओला, ऊबर व रैपिडो जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहनों के संचालन को और अधिक जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से विभाग ने एक सख्त निर्देश जारी किया है। अब इन वाहनों के पीछे ड्राइवर की पहचान संबंधी पूरी जानकारी नाम, मोबाइल नंबर और आधार नंबर स्पष्ट रूप से अंकित करना अनिवार्य कर दिया गया है। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए 15 दिन की समय-सीमा दी गई है।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष के पत्र पर परिवहन विभाग ने जारी किया निर्देश
जानकारी के लिए बता दें पिछले दिनों राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने राजधानी में महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं को देखते हुए लोकल परिवहन साधनों में महिला सुरक्षा को पुख्ता और अभेद्य बनाने के मद्देनजर परिवहन विभाग मुख्यालय को एक पत्र लिखकर प्रेषित किया था जिसमें उक्त सुझाव दिया गया है। इसके आलोक में परिवहन आयुक्त बीएन सिंह ने इसका त्वरित रूप से संज्ञान लेते हुए सभी स्थानीय परिवहन कार्यालयों को आदेश जारी कर दिया है कि उक्त व्यवस्था का क्रियान्वयन निर्धारित समय सीमा में अवश्य करा ली जाये। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।
महिलाओं के साथ होनी वाली घटनाओं को देखते हुए उठाया जा रहा यह कदम
गौर हो कि प्रदेश के प्रमुख शहरों के अलावा पिछले दिनों राजधानी लखनऊ में भी कुछेक ऐसी हैरान करने वाली घटनायें घटित हुई जिसमें उपरोक्त श्रेणी के वाहन चालकों ने अपने गाड़ी में सवार महिला यात्री को अकेले पाकर उसके साथ कोई न कोई अनापेक्षित वारदात को अंजाम दे दिया था।ऐसे में महिला आयोग द्वारा उठाया गया यह मुद्दा और परिवहन आयुक्त के स्तर से त्वरित गति से उठाया गया कदम लोकल परिवहन साधनों में महिलाओं की सुरक्षा को और बेहतर और जवाबदेह बनाने में साबित हो सकता है। इसी क्रम में लखनऊ एआरटीओ प्रवर्तन राजीव बंसल ने बताया कि उपरोक्त आदेश के तहत अब जनपद में ऐसे वाहन संचालकों और स्वामियों को 15 दिनों का तय समय दिया गया है, यह समय सीमा पार होने पर संबंधित के खिलाफ एमवी एक्ट के तहत प्रभावी कार्रवाई की जायेगी। इसलिए अभियान चलाकर इसको लागू कराया जाए।
