इन्दौर। जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों की मोक्ष स्थली है सम्मेद शिखर। झारखंड सरकार द्वारा जैन धर्म के इस सर्वोच्च तीर्थस्थल सम्मेद शिखर (पारसनाथ पर्वत) पर जंगल सफारी शुरू करने की घोषणा का जैन समाज ने विरोध शुरू कर दिया है। देश भर के जैन धर्मावलंबियों का कहना है कि ऐसे पावन तीर्थ पर मौज मस्ती की योजना जंगल सफारी लागू कर तीर्थराज के धार्मिक वातावरण को दूषित कर अपवित्र करने का भारतवर्षीय जैन समाज पुर जोर विरोध करता है।
इन्दौर में झारखंड सरकार के इस फैसले के विरोध में आक्रोशित इन्दौर जैन समाज की ओर से धर्म प्रचारक राजेश जैन दद्दू, राष्ट्रीय जिन शासन एकता संघ भारत, विश्व जैन संगठन, दिगंबर जैन सोशल ग्रुप फेडरेशन महावीर ट्रस्ट एवं समाज के वरिष्ठ समाजसेवी डॉ जैनेन्द्र जैन, आजाद जैन, अमित कासलीवाल, हंसमुख गांधी, टीके वेद, राकेश विनायका, विपुल बांझल, मयंक जैन एवं पुष्पा कासलीवाल, मुक्ता जैन, सारिका जैन आदि ने कहा की पारसनाथ पर्वतराज पर झारखंड सरकार जंगल सफारी लागू न करें अन्यथा देशव्यापी विरोध किया जाएगा जिसकी पूर्णत: जिम्मेवारी झारखंड सरकार और केंद्र सरकार की होगी।
ज्ञात हो कि भारत सरकार पर्यावरण मंत्रालय ने 5 जनवरी 2023 को और झारखंड सरकार ने 2018 में पारसनाथ पर्वत को जैन समाज का पावन तीर्थ घोषित किया था। इस पवित्र स्थल पर जंगल सफारी जैसी मनोरंजन गतिविधियां इसकी पवित्रता को दूषित करेंगी।
