प्रयागराज : महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर जल निगम और नगरीय विकास विभाग ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस संबंध में, कुंभ मेला क्षेत्र में जल उपचार संयंत्रों (एसटीपी) द्वारा स्लज ट्रीटमेंट की व्यवस्था की जाएगी। इस योजना के तहत, तीन अस्थायी एसटीपी (नगरीय क्षेत्र में) और दो स्थायी एसटीपी (नैनी और झूंसी में) लगाए जाएंगे।
स्लज ट्रीटमेंट का उद्देश्य शहरी सीवेज सिस्टम से निकलने वाले गंदे पानी से निकले ठोस अपशिष्ट (स्लज) का उपचार करना है, जिससे पर्यावरण पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े। यह उपाय कुंभ मेला के दौरान जल गुणवत्ता को बनाए रखने और प्रदूषण को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है।
इन एसटीपी के माध्यम से सीवेज का उपचार कर साफ जल को पुनः उपयोग के लिए तैयार किया जाएगा, जबकि स्लज को वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित किया जाएगा। यह पहल पर्यावरण संरक्षण के लिए एक कदम और भविष्य में भी इस प्रकार के उपायों को और प्रभावी बनाने के लिए एक मॉडल बन सकती है।
महाकुंभ 2025 के आयोजन से पहले जल निगम और नगरीय विकास विभाग ने कुंभ मेला क्षेत्र में जल प्रदूषण को नियंत्रित करने और पर्यावरण की रक्षा करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। इस संदर्भ में, स्लज ट्रीटमेंट का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। स्लज वह ठोस अपशिष्ट है जो जल उपचार प्रक्रियाओं से निकलता है, और अगर इसे सही तरीके से न निस्तारित किया जाए तो यह प्रदूषण का कारण बन सकता है।
तीन अस्थायी एसटीपी कुंभ मेला क्षेत्र के प्रमुख स्थलों पर स्थापित किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य मेला के दौरान उत्पन्न होने वाले सीवेज का उपचार करना है। इन अस्थायी संयंत्रों को केवल मेला अवधि तक चलाने का प्लान है, ताकि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से होने वाली जल प्रदूषण की समस्या का समाधान किया जा सके।
इन एसटीपी का प्रमुख कार्य पानी से गंदगी और ठोस अपशिष्ट को अलग करके उसे शुद्ध करना होगा। इसके बाद शुद्ध पानी का पुनः उपयोग किया जा सकेगा, और स्लज को उपचारित कर सुरक्षित तरीके से नष्ट किया जाएगा।
नैनी और झूंसी में दो स्थायी एसटीपी स्थापित किए जाएंगे। ये संयंत्र कुंभ मेला के बाद भी काम करेंगे और इन क्षेत्रों में जल उपचार की लंबी अवधि की आवश्यकता को पूरा करेंगे। स्थायी एसटीपी में अधिक तकनीकी उन्नति होगी, जिससे शहरी क्षेत्र में उत्पन्न सीवेज और स्लज का लगातार उपचार किया जा सकेगा।
इन संयंत्रों का उद्देश्य लंबे समय तक जल गुणवत्ता को बनाए रखना है, साथ ही जल पुनर्चक्रण और स्लज का वैज्ञानिक उपचार करना है।
स्लज का सही उपचार और निस्तारण न केवल जल स्रोतों को सुरक्षित रखेगा, बल्कि आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण को भी कम करेगा। उपचारित जल का पुनः उपयोग कृषि, उद्योग, और अन्य क्षेत्रों में किया जा सकता है, जिससे पानी की बचत होगी। इस प्रक्रिया से गंदे पानी और दूषित जल निकासी से होने वाली बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकेगा, जो बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है।
कुंभ मेला जैसे विशाल आयोजन के दौरान जल और पर्यावरण की सुरक्षा की आवश्यकता बहुत बढ़ जाती है। इसलिए, जल निगम और नगरीय विकास विभाग की ओर से जो स्थायी एसटीपी स्थापित किए जा रहे हैं, वे भविष्य में भी इन क्षेत्रों में जल उपचार के लिए उपयोगी होंगे, जिससे स्थानीय समुदायों के लिए एक दीर्घकालिक समाधान सुनिश्चित होगा।
इस प्रकार, महाकुंभ 2025 के दौरान जल निगम और नगरीय विकास विभाग की यह पहल कुंभ मेला के आयोजन में जल प्रदूषण को नियंत्रित करने और पर्यावरण की रक्षा करने के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगी।
