2900 किलो IED सामग्री के साथ बड़ा आतंकी मॉड्यूल बेनकाब
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश करते हुए लखनऊ की रहने वाली डॉक्टर शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, यह गिरफ्तारी देशभर में फैले एक बड़े आतंकी नेटवर्क की जांच के तहत हुई है। बताया जा रहा है कि शाहीन शाहिद फरीदाबाद में पकड़े गए संदिग्ध डॉक्टर के संपर्क में थी, जिसके घर से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ था। पुलिस ने उसकी कार से राइफल और जिंदा कारतूस भी जब्त किए थे।
अब तक इस मामले में 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और 2,900 किलोग्राम IED बनाने वाली सामग्री — जिसमें विस्फोटक, रासायनिक पदार्थ, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट और टाइमर शामिल हैं — जब्त की जा चुकी है। यह कार्रवाई श्रीनगर, अनंतनाग, गांदरबल, शोपियां (जम्मू-कश्मीर), फरीदाबाद (हरियाणा), सहारनपुर और लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में की गई। पुलिस का कहना है कि पूछताछ में लगातार नए नाम सामने आ रहे हैं और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।
मामले की शुरुआत:
19 से 27 अक्टूबर के बीच श्रीनगर के नौगाम इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के धमकी भरे पोस्टर लगे मिले थे। सीसीटीवी फुटेज में एक डॉक्टर आदिल की पहचान हुई, जिसे 6 नवंबर को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से AK-47 राइफल बरामद हुई और पूछताछ में उसने अपने साथियों के नाम उजागर किए, जिनमें डॉक्टर शाहीन भी शामिल थी।
आतंकी नेटवर्क का कनेक्शन:
पुलिस ने बताया कि यह नेटवर्क “व्हाइट कॉलर टेरर इकोसिस्टम” का हिस्सा था, जिसमें शिक्षित प्रोफेशनल्स, डॉक्टर और छात्र शामिल थे। ये सभी पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद जैसे प्रतिबंधित संगठनों के संपर्क में थे। इस मॉड्यूल का उद्देश्य दिल्ली, अहमदाबाद और यूपी में आरएसएस दफ्तरों को निशाना बनाना था।
फरीदाबाद से मिली भारी बरामदगी:
फरीदाबाद के एक फ्लैट से 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट, AK-47 राइफल, 84 कारतूस और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। पुलिस कमिश्नर सतेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि यह संयुक्त ऑपरेशन 15 दिनों तक चला और इससे एक बड़े आतंकी हमले को रोका जा सका।
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह प्रोफेशनल लोगों को टारगेट कर उन्हें आतंकी गतिविधियों में शामिल कर रहा था। इस कार्रवाई से दिल्ली-NCR और गुजरात में बड़े हमले की साजिश नाकाम हो गई है।





