रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों से पहले एग्जिट पोल ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। राजनीतिक विश्लेषकों ने एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर का अनुमान लगाया है। वहीं, नेताओं के दावे और आरोपों ने चुनावी माहौल को और गर्म कर दिया है।
चंपई सोरेन बोले- “बदलाव तय है”
पूर्व मुख्यमंत्री और जेएमएम नेता चंपई सोरेन ने एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झारखंड में बदलाव सुनिश्चित है। उन्होंने कहा:
“भ्रष्टाचार चरम पर है, बेरोजगारी ने युवाओं को निराश कर दिया है। जनता बदलाव के मूड में है। एग्जिट पोल तो अपना काम कर रहे हैं, लेकिन असली नतीजे बदलाव की तस्वीर साफ करेंगे।”
भाजपा ने जताई सरकार बनाने की उम्मीद
चंदनकियारी सीट से भाजपा उम्मीदवार और विपक्ष नेता अमर कुमार बाउरी ने कहा:
“पिछले दो सालों से जनता बदलाव चाह रही है। इस बार भाजपा और एनडीए की सरकार बनेगी। अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो झारखंड को नई दिशा मिलेगी।”
“महिलाओं और युवाओं को धोखा दिया”: बीजेपी नेता सीता सोरेन
जामताड़ा सीट से भाजपा उम्मीदवार सीता सोरेन ने जेएमएम सरकार पर हमला बोलते हुए कहा:
“पिछले 5 सालों में सरकार ने युवाओं और महिलाओं के साथ धोखा किया। महिलाओं ने बदलाव का फैसला कर लिया है। 23 तारीख को झारखंड में नई शुरुआत होगी।”
जेएमएम का दावा- “चौंकाने वाले होंगे नतीजे”
जेएमएम नेता मनोज पांडे ने एग्जिट पोल को खारिज करते हुए कहा:
“हम 55+ सीटें जीतेंगे। वोटिंग प्रतिशत में बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि जनता हमारे साथ है। भाजपा के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, जबकि हमने जनता के मुद्दों को उठाया।”
मंत्री हफीजुल हसन का भाजपा पर निशाना
झारखंड सरकार के मंत्री और जेएमएम नेता हफीजुल हसन ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा:
“भाजपा बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात करती है, लेकिन राज्य में ऐसा कुछ नहीं है। उनके पास केंद्रीय एजेंसियां हैं, फिर भी वे झूठे दावे करते हैं।”
कांग्रेस नेताओं का दावा- “इंडिया गठबंधन की जीत तय”
कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा कि इंडिया गठबंधन को भारी समर्थन मिला है। उन्होंने कहा:
“दूसरे चरण में जहां मतदान हुआ, वहां इंडिया गठबंधन ने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है। हेमंत सोरेन फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे।”
कांग्रेस प्रवक्ता प्रणव झा ने भी कहा कि भाजपा का झारखंड में कोई मुकाबला नहीं है।
एग्जिट पोल के मुताबिक झारखंड में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर है। दोनों पक्ष अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। अब सबकी नजर 23 नवंबर को आने वाले नतीजों पर है, जो तय करेंगे कि झारखंड में सत्ता की बागडोर किसके हाथ में जाएगी।

Author: Sweta Sharma
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