कानपुर के केशवपुरम स्थित इंपायर क्लीनिक से हेयर ट्रांसप्लांट कराने वाले फर्रुखाबाद निवासी एक और इंजीनियर की मौत हो गई है। इससे पहले पनकी के सहायक अभियंता विनीत दुबे की भी मौत इसी क्लीनिक में ट्रांसप्लांट के बाद हुई थी। दोनों मामलों में आरोपी डॉक्टर अनुष्का तिवारी फरार है, जबकि क्लीनिक पर ताला लगा है और बाहर लगा बोर्ड व नेम प्लेट भी हटा दिए गए हैं।इंजीनियर मयंक कटियार की मां प्रमोदनी और छोटे भाई कुशाग्र ने पुलिस कमिश्नर से न्याय की गुहार लगाई है। पुलिस ने जांच रावतपुर थाना प्रभारी को सौंपी है, लेकिन डॉक्टर अभी भी गिरफ्त से बाहर है।
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर अनुष्का सस्ते दामों में (40 से 50 हजार रुपये में) हेयर ट्रांसप्लांट कर सैकड़ों लोगों को फंसाती थी, जबकि अन्य क्लीनिकों में यह प्रक्रिया लाखों में होती है। सर्जरी करीब पांच घंटे चलती थी, जिसके बाद मरीज को तुरंत घर भेज दिया जाता था। मयंक, जो पीएसआईटी से बीटेक करने के बाद निजी कंपनी में कार्यरत था और कानपुर में खुद का व्यवसाय शुरू करने की तैयारी कर रहा था, 18 नवंबर को डॉक्टर अनुष्का के क्लीनिक गया। सर्जरी के बाद उसे घर भेजा गया, लेकिन उसी रात सिर में तेज दर्द शुरू हो गया। डॉक्टर ने सिर्फ इंजेक्शन लेने की सलाह दी।
दर्द बढ़ता गया, चेहरे पर सूजन आ गई और सीने में तेज दर्द उठा। हृदय विशेषज्ञ को दिखाने पर भी कोई समस्या सामने नहीं आई, मगर अगले दिन यानी 19 नवंबर को मयंक की मौत हो गई। परिजन छह महीने से न्याय के लिए थानों और अधिकारियों के चक्कर काटते रहे। अब जाकर पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई शुरू की है। इंपायर क्लीनिक, जो दो कमरों में संचालित होता था, अब बंद है।
जानकारी के अनुसार, डॉक्टर अनुष्का के पति भी उसी क्लीनिक में बैठते थे और दांतों के डॉक्टर हैं।
Author: Sweta Sharma
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