पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को उनकी 101वीं जयंती पर सामाजिक न्याय का मसीहा बताते हुए भारत के उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने कहा कि ठाकुर ने वंशवाद की राजनीति को कभी बढ़ावा नहीं दिया। बिहार के समस्तीपुर स्थित कर्पूरी ग्राम में आयोजित एक स्मृति समारोह में उन्होंने यह बात कही।
ठाकुर के योगदान पर धनखड़ का बयान
धनखड़ ने कहा, “कर्पूरी ठाकुर ने समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों को आरक्षण की सुविधा देकर बड़ी आबादी के लिए अवसरों के द्वार खोले।”
उन्होंने ठाकुर के योगदान को याद करते हुए कहा कि वह समानता और सामाजिक न्याय के प्रतीक थे। उन्होंने कहा, “ठाकुर ने सदियों पुरानी जड़ता को तोड़ा और समानता के नए युग की शुरुआत की। उनका त्याग और समर्पण आज भी हमारे लिए आदर्श हैं।”
आरक्षण और हिंदी के पक्षधर
धनखड़ ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने विपक्ष की परवाह किए बिना आरक्षण लागू किया और सरकारी कार्यालयों में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देकर अंग्रेजी के प्रभुत्व को समाप्त किया।
जाति-धर्म से ऊपर उठकर काम
उपाध्यक्ष ने कहा, “कर्पूरी ठाकुर एक ऐसे नेता थे जिन्होंने जाति, धर्म और वर्ग से ऊपर उठकर समाज में समानता और विकास को प्राथमिकता दी। उन्होंने दिखाया कि राजनीति कैसे समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सकती है।”
कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर उनके योगदान को याद करते हुए धनखड़ ने सभी को उनके आदर्शों से प्रेरणा लेने की अपील की।

Author: Sweta Sharma
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