नई दिल्ली: करवा चौथ (Karwa Chauth 2025) का व्रत भारतीय महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र व्रतों में से एक है। यह व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है और इसे पति की लंबी आयु, दांपत्य सुख और समृद्धि की कामना के लिए किया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं — यानी वे पूरे दिन अन्न और जल का सेवन नहीं करतीं।
करवा चौथ 2025 की तारीख और शुभ मुहूर्त
वर्ष 2025 में करवा चौथ का पर्व 10 अक्टूबर (शुक्रवार) को मनाया जाएगा।
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चतुर्थी तिथि का प्रारंभ: 9 अक्टूबर 2025, रात 10:54 बजे
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चतुर्थी तिथि का समापन: 10 अक्टूबर 2025, शाम 7:38 बजे
यानी व्रत रखने और पूजा करने का शुभ समय 10 अक्टूबर को रहेगा। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी खाकर व्रत की शुरुआत करती हैं और चांद देखने के बाद अपने पति के हाथों से पानी पीकर व्रत तोड़ती हैं।
करवा चौथ सरगी 2025 का समय (Karwa Chauth Sargi Time 2025)
करवा चौथ की शुरुआत सरगी (Sargi) से होती है, जो सास अपनी बहू को देती हैं। इसमें फल, मिठाई, सूखे मेवे, पराठे और हलवा जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं।
ब्रह्म मुहूर्त में सरगी खाने की परंपरा होती है, और इस बार ब्रह्म मुहूर्त का समय रहेगा —
सुबह 4:40 बजे से 5:30 बजे तक।
इसी दौरान सरगी ग्रहण करने से पूरे दिन व्रत रखने की शक्ति मिलती है और यह शुभ भी माना जाता है। सरगी को प्रेम और आशीर्वाद का प्रतीक कहा गया है, जो सास द्वारा बहू के लिए दिए गए स्नेह और आशीर्वाद का प्रतीक होती है।
करवा चौथ सरगी के नियम और परंपराएं
करवा चौथ के दिन कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक माना गया है, ताकि व्रत का पूरा फल प्राप्त हो सके:
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काले रंग के कपड़े न पहनें – इसे अशुभ माना जाता है।
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दिनभर शुभ विचार रखें – किसी के प्रति नकारात्मक सोच या झगड़ा करने से व्रत का प्रभाव कम होता है।
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सरगी में ताजे फल और हल्का भोजन शामिल करें – इससे पूरे दिन ऊर्जा बनी रहती है।
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करवा माता की पूजा अवश्य करें – शाम को चांद निकलने से पहले करवा माता की कथा सुनना और पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है।
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सात्विकता का पालन करें – किसी प्रकार का नशा या अपवित्र कार्य करने से व्रत का महत्व घट जाता है।
व्रत का धार्मिक महत्व
करवा चौथ सिर्फ एक पारंपरिक व्रत नहीं, बल्कि पति-पत्नी के बीच प्रेम, त्याग और विश्वास का प्रतीक है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां आती हैं और पति की आयु दीर्घ होती है।
शास्त्रों में उल्लेख है कि करवा चौथ का व्रत करने से करवा माता और भगवान शिव-पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यही कारण है कि इस दिन का इंतजार हर सुहागिन पूरे वर्ष करती है।
इस बार Karwa Chauth 2025 पर जब चांद आसमान में चमकेगा, तब हर सुहागिन अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की कामना के साथ अपने व्रत का समापन करेगी — प्रेम और आस्था के इस अद्भुत संगम के साथ।
