बिहार की सियासत में चुनावी गर्मी तेज होती जा रही है। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में ऐलान किया कि उनकी पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। इस घोषणा ने राज्य की राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है।
AAP के इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने तीखा हमला बोला। पटना पहुंचीं अलका लांबा ने मीडिया से बात करते हुए अरविंद केजरीवाल को भाजपा की ‘बी-टीम’ करार दिया। उन्होंने कहा, “दिल्ली की जनता ने केजरीवाल को नकार दिया है, वहां उनकी पार्टी का प्रदर्शन कमजोर हुआ है। अब बिहार आकर चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं, लेकिन यहां की जनता भी उनके मंसूबों को समझ चुकी है।”
अलका लांबा ने मौजूदा बिहार सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं और दलितों के खिलाफ अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। उन्होंने एक ताजा मामला उठाते हुए बताया कि पटना के एक अस्पताल में समय पर इलाज न मिलने से एक 9 साल की दलित बच्ची की मौत हो गई, लेकिन सरकार चुप है।
उन्होंने कहा, “एनडीए सरकार का यह आखिरी विधानसभा सत्र होगा। जुलाई में शुरू हो रहे सत्र के बाद बिहार में बदलाव की बयार चलेगी और इंडिया गठबंधन की वापसी तय है।”
अलका लांबा ने अपने दो दिवसीय बिहार दौरे की जानकारी भी साझा की। उन्होंने बताया कि वे बिहार महिला कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी के साथ बैठक कर रही हैं और महिला सशक्तिकरण से जुड़े “उड़ान प्रोजेक्ट” की प्रगति की समीक्षा भी करेंगी। इसके अलावा वे बिहार चुनाव की रणनीति पर पर्यवेक्षकों के साथ विशेष बैठक करेंगी।
महिला कांग्रेस की इस सक्रियता को आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। अलका लांबा ने संकेत दिया कि कांग्रेस बिहार में महिला सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय और कमजोर वर्गों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगी और एनडीए सरकार की नाकामियों को जनता के सामने लाएगी।
Author: Sweta Sharma
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