निश्चय टाइम्स, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश आज सांस्कृतिक पुनर्जागरण के स्वर्णिम युग की ओर अग्रसर है मुख्यमंत्री की दृष्टि रही है कि उत्तर प्रदेश की लोककला, परंपराएँ, संगीत और नृत्य विधाएँ केवल प्रदेश तक सीमित न रहें, बल्कि राष्ट्रीय मंचों पर अपनी पहचान बनाएं। इसी क्रम में, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा “भारत पर्व 2025” में भाग लेने के लिए प्रदेश के चयनित सांस्कृतिक दल केवड़िया (गुजरात) के लिए प्रस्थान करेगा। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के कुशल नेतृत्व में यह पहल उत्तर प्रदेश की कला और संस्कृति को “संरक्षण से संवर्धन” की दिशा में एक बड़ा कदम है। मंत्री का विज़न है कि उत्तर प्रदेश की संस्कृति को भारत की आत्मा के रूप में पहचाना जाए, और “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना को जीवंत बनाने में इसकी निर्णायक भूमिका हो। भारत पर्व 2025 में प्रस्तुत होने वाला उत्तर प्रदेश का यह सांस्कृतिक दल प्रदेश की विविध सांस्कृतिक परंपराओं कृ लोक, जनजातीय और शास्त्रीय कलाओं का अनूठा संगम पेश करेगा। इस दल में प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आए श्रेष्ठ कलाकार शामिल हैं, जो उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सशक्त रूप से प्रदर्शित करेंगे। इनमें प्रमुख हैं श्याम सिंह (गाजियाबाद) द्वारा शंख, थुमचौन और डमरू वादन; सनाहल देवी (गाजियाबाद) द्वारा योगा, कन्टैम्प्ररी एवं छत्र नृत्य; आशा देवी (सोनभद्र) द्वारा मादल जनजाति नृत्य; मुरारी लाल तिवारी (मथुरा) द्वारा मयूर नृत्य, फूलों की होली और चरकुला नृत्य; राधा प्रजापति (झांसी) द्वारा राई लोकनृत्य; पूर्णिमा कनौजिया (प्रयागराज) द्वारा ढ़ेढ़िया लोकनृत्य तथा भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ की प्रो. प्रेरणा राणा के नेतृत्व में कथक नृत्य एवं राम-सीता थीम प्रस्तुति शामिल हैं।
यह दल ब्रज, अवध, बुंदेलखंड, पूर्वांचल और जनजातीय अंचलों की लोक परंपराओं को एक मंच पर लाकर “विविधता में एकता” का अद्भुत संदेश देगा। नृत्य, संगीत और लोकवाद्य की मधुर लय के साथ यह प्रस्तुति उत्तर प्रदेश की आत्मा को भारत पर्व के दर्शकों के सामने जीवंत करेगी। संस्कृति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह आयोजन उत्तर प्रदेश के कलाकारों को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का सशक्त अवसर प्रदान करेगा। इसके माध्यम से राज्य की लोककला, जनजातीय परंपरा और शास्त्रीय कलाओं को एक ही मंच पर लाने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “उत्तर प्रदेश की संस्कृति हमारी पहचान और गौरव का प्रतीक है। भारत पर्व जैसे राष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी के माध्यम से हम अपनी कला और परंपरा को नए आयाम दे रहे हैं।” वहीं, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि “भारत पर्व 2025 में उत्तर प्रदेश की भागीदारी हमारी सांस्कृतिक विविधता, लोकजीवन और कलात्मक गौरव को राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित करने का अवसर है। यह दल प्रदेश की परंपरा, ऊर्जा और एकता का प्रतिनिधित्व करेगा।” भारत पर्व 2025 में उत्तर प्रदेश का यह सांस्कृतिक दल न केवल सांस्कृतिक समृद्धि का प्रदर्शन करेगा, बल्कि “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना को कला और लोकजीवन के माध्यम से साकार करेगा। मुख्यमंत्री और मंत्री के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश एक बार फिर अपने लोकजीवन की सौंधी सुगंध और सांस्कृतिक गौरव से भारत पर्व को आलोकित करेगा।





