लखनऊ, — किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू), लखनऊ के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग द्वारा “प्रसवपूर्व स्क्रीनिंग के समग्र दृष्टिकोण” विषय पर एक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य चिकित्सकों को प्रसवपूर्व जांच की नवीनतम तकनीकों और नैदानिक दृष्टिकोण से अवगत कराना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ पंजीकरण और दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसके बाद प्रो. रेखा सचान द्वारा स्वागत भाषण और पाठ्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। प्रमुख सत्रों में विशेषज्ञों द्वारा निम्नलिखित विषयों पर व्याख्यान दिए गए:
प्रो. रेखा सचान: प्रसवपूर्व स्क्रीनिंग – विधियाँ और दिशानिर्देश
प्रो. अमिता पांडेय: आनुवंशिकी, गुणसूत्रीय विकृतियाँ और वंशावली विश्लेषण
प्रो. इंदुलता (एसजीपीजीआईएमएस): प्रथम तिमाही की स्क्रीनिंग और नवीनतम प्रगति
डॉ. इंद्राणी घोष (अपोलो मेडिक्स): द्वितीय तिमाही की स्क्रीनिंग – नवीनतम प्रगति
डॉ. नीता सिंह (एसजीपीजीआईएमएस): उन्नत तकनीक – सेल-फ्री फेटल डीएनए और विस्तारित वाहक स्क्रीनिंग
प्रसवपूर्व स्क्रीनिंग में नैतिक विचार
दोपहर के सत्र में शामिल थे:
उच्च जोखिम गर्भावस्था में प्रसवपूर्व स्क्रीनिंग पर केस स्टडी
प्रसवपूर्व नैदानिक प्रक्रियाओं पर हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण: एम्नियोसेंटेसिस, कोरियोनिक विली सैंपलिंग, कॉर्डोसेंटेसिस
प्रशिक्षण सत्र का संचालन विशेषज्ञों की टीम ने किया जिसमें शामिल थे: प्रो. इंदुलता, डॉ. इंद्राणी घोष, डॉ. नीता सिंह
इस सीएमई में 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिससे मातृ स्वास्थ्य देखभाल में गुणवत्ता और नवाचार को बढ़ावा मिला।
