लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश कार्यालय में आज श्रम प्रकोष्ठ का प्रदेशीय सम्मेलन श्रम प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष महेश पाल धनगर की अध्यक्षता में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव संगठन त्रिलोक त्यागी और विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे मौजूद रहे।
त्रिलोक त्यागी का संबोधन
सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि त्रिलोक त्यागी ने कहा, “पार्टी के संगठन विस्तार में श्रम प्रकोष्ठ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज इतने बड़े सम्मेलन को देखकर मुझे बेहद खुशी हो रही है।” उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को और भी मजबूती से काम करने की सलाह देते हुए कहा कि देश की प्रगति में पूंजीपतियों की तुलना में किसानों और मजदूरों का योगदान अधिक है। भारत रत्न चौधरी चरण सिंह ने जीवन भर किसानों और मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी, और आज के समय में भी उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे प्रासंगिक हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री से मनरेगा मजदूरों के भत्ते बढ़ाने की अपील करने का आश्वासन दिया, क्योंकि महंगाई के इस दौर में किसानों और मजदूरों की मूलभूत आवश्यकताएं पूरी नहीं हो पा रही हैं। उन्होंने मनरेगा के बजट बढ़ाने के प्रस्ताव का भी समर्थन किया।
अनिल दुबे का आश्वासन
विशिष्ट अतिथि अनिल दुबे ने सम्मेलन में प्रदेश सरकार से श्रमिकों के हितों के लिए वार्ता करने का वादा किया। उन्होंने 2027 विधानसभा चुनावों में पार्टी कार्यकर्ताओं को मजबूती से जुटने का आह्वान किया और श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया।
श्रम प्रकोष्ठ के अध्यक्ष का प्रस्ताव
प्रदेश अध्यक्ष महेश पाल धनगर ने सम्मेलन में कई अहम प्रस्ताव प्रस्तुत किए, जिन्हें सर्वसम्मति से पारित कर राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी को सौंपा गया। इन प्रस्तावों में मुख्य रूप से निम्नलिखित मांगे शामिल थीं:
– मनरेगा मजदूरों की मजदूरी में बढ़ोतरी
– असंगठित मजदूरों के लिए कल्याण बोर्ड का गठन
– प्रदेश में कौशल विकास विश्वविद्यालय की स्थापना
– राज्य ड्राइवर आयोग का गठन
सम्मेलन में उपस्थित प्रमुख लोग
इस अवसर पर राष्ट्रीय सचिव विजय लाल श्रीवास्तव, प्रदेश उपाध्यक्ष वसीम हैदर, प्रदेश कोषाध्यक्ष बी.एल. प्रेमी और कई अन्य नेताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। सम्मेलन में श्रमिक प्रकोष्ठ के सैकड़ों पदाधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें राजेश श्रमिक, रमेश कश्यप, अमित यादव, मनोज कुमार शर्मा, और अन्य प्रमुख नेता शामिल थे।
इस सम्मेलन ने रालोद के कार्यकर्ताओं और श्रमिकों के बीच एकजुटता और मजबूती का संदेश दिया और पार्टी के आगामी कार्यक्रमों के लिए महत्वपूर्ण दिशा तय की।

Author: Sweta Sharma
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