गोंडा। गोंडा जिले के करनैलगंज विधानसभा से छह बार विधायक रह चुके भाजपा के वरिष्ठ नेता कुंवर अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया (59) का गुरुवार शाम लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वे पिछले एक साल से दिल की बीमारी से जूझ रहे थे। एक साल पहले उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद से उनका लगातार इलाज चल रहा था। हाल ही में तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दो दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां गुरुवार शाम 5:30 बजे चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
खबर की जानकारी मिलते ही उनके पैतृक आवास बरगदी कोट पर लगा लोगों का हुजूम इकठ्ठा होने लगा।
लल्ला भैया के निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके समर्थक और क्षेत्रवासी गहरे दुख में हैं। सोशल मीडिया पर तमाम नेताओं ने उनके निधन पर संवेदनाएं व्यक्त की हैं। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को कटरा शहबाजपुर मेला बगिया सरयू घाट पर किया जाएगा।
सिर्फ 23 साल की उम्र में राजनीति में कदम रखने वाले लल्ला भैया पहली बार 1989 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधायक बने। इसके बाद 1991, 1993, और 1996 में भाजपा के टिकट पर करनैलगंज विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। हालांकि, 2002 में पार्टी का टिकट देर से मिलने के कारण उन्हें चुनाव हार का सामना करना पड़ा। 2007 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की।
उनके राजनीतिक सफर में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उनकी लोकप्रियता हमेशा बरकरार रही। 2017 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर फिर से जीत हासिल की, लेकिन 2022 में उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिला और वे चुनाव मैदान से बाहर रहे। लल्ला भैया के निधन से न केवल गोंडा, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ी क्षति हुई है। उनका जीवन जनता के लिए सेवा और समर्पण का प्रतीक था।
गोंडा जिले के करनैलगंज विधानसभा से छह बार विधायक रह चुके भाजपा के वरिष्ठ नेता कुंवर अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया का गुरुवार शाम लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वे पिछले एक साल से दिल की बीमारी से जूझ रहे थे। एक साल पहले उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद से उनका लगातार इलाज चल रहा था। हाल ही में तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दो दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां गुरुवार शाम 5:30 बजे चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
लल्ला भैया के निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके समर्थक और क्षेत्रवासी गहरे दुख में हैं। सोशल मीडिया पर तमाम नेताओं ने उनके निधन पर संवेदनाएं व्यक्त की हैं। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को कटरा शहबाजपुर मेला बगिया सरयू घाट पर किया जाएगा।
सिर्फ 23 साल की उम्र में राजनीति में कदम रखने वाले लल्ला भैया पहली बार 1989 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधायक बने। इसके बाद 1991, 1993, और 1996 में भाजपा के टिकट पर करनैलगंज विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। हालांकि, 2002 में पार्टी का टिकट देर से मिलने के कारण उन्हें चुनाव हार का सामना करना पड़ा। 2007 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की।
उनके राजनीतिक सफर में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उनकी लोकप्रियता हमेशा बरकरार रही। 2017 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर फिर से जीत हासिल की, लेकिन 2022 में उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिला और वे चुनाव मैदान से बाहर रहे। लल्ला भैया के निधन से न केवल गोंडा, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ी क्षति हुई है। उनका जीवन जनता के लिए सेवा और समर्पण का प्रतीक था।
