- राज्य के हर सैनिक कल्याण बोर्ड में खुलेंगे विधिक सेवा क्लीनिक
लखनऊ। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकान्त, कार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा “वीर परिवार सहायता योजना, 2025” का शुभारंभ किया गया। इस योजना के अंतर्गत भारत के सभी राज्य व जिला सैनिक कल्याण बोर्डों में “विधिक सेवा क्लीनिक” की स्थापना की जाएगी, जिसका उद्देश्य वीर सपूतों के परिजनों को विधिक सहायता प्रदान करना है।
उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के नेतृत्व में इस योजना की शुरुआत राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड, लखनऊ से की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, तथा न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, वरिष्ठ न्यायाधीश एवं कार्यपालक अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा की गई।
इस पहल के तहत अब सैन्य बलों के सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को निःशुल्क विधिक सलाह, सहायता व जागरूकता उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वे अपने संवैधानिक एवं कानूनी अधिकारों को भलीभांति समझ सकें और उन्हें न्याय सुलभ हो। इस महत्वपूर्ण अवसर पर राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड के निदेशक ब्रिगेडियर अतुल कुमार, अपर निदेशक कर्नल शैलेन्द्र उत्तम, कर्नल बलराम तिवारी, अतिरिक्त निदेशक विंग कमांडर परमिंदर कौर और विंग कमांडर मुकेश तिवारी सहित कई भूतपूर्व सैनिक उपस्थित रहे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ की ओर से सचिव मीनाक्षी सोनकर, तथा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
यह योजना केवल एक विधिक सुविधा नहीं, बल्कि वीर परिवारों के प्रति न्यायिक तंत्र की कृतज्ञता का प्रतीक है। अब उत्तर प्रदेश के प्रत्येक सैनिक कल्याण बोर्ड में विधिक सेवा क्लीनिक संचालित होंगे, जो न सिर्फ सहायता करेंगे बल्कि शहीदों और सैनिकों के परिजनों को सशक्त भी बनाएंगे।
