उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने एक बार फिर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर अपने बयानों में उन्होंने यूपी की कानून व्यवस्था और शिक्षा व्यवस्था को लेकर गहरी चिंता जताई।
मायावती ने लिखा, “देश के विभिन्न राज्यों में खासकर उत्तर प्रदेश में सामंती और आपराधिक तत्वों का वर्चस्व बढ़ गया है। इसके चलते जातिवाद, सांप्रदायिक द्वेष, हिंसा, अन्याय और अत्याचार जैसी घटनाएं हो रही हैं, जिससे यह साफ है कि राज्य में कानून का राज ठीक से नहीं चल रहा है।”
बसपा प्रमुख ने यूपी के नए पुलिस महानिदेशक (DGP) के समक्ष आने वाली चुनौतियों को भी उजागर किया। उन्होंने कहा, “नए डीजीपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती राज्य में अपराधों पर नियंत्रण और वास्तविक कानून व्यवस्था की स्थापना है। सरकार और सत्ताधारी दल के लोगों को भी इसमें सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए।”
मायावती ने राज्य की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि “भारत की प्रगति में उत्तर प्रदेश को ग्रोथ इंजन की भूमिका निभानी चाहिए, लेकिन मौजूदा समय में राज्य अपराध और कानून व्यवस्था की बदहाली के कारण नकारात्मक चर्चा में रहता है। यह न तो जनहित में है और न ही देशहित में।”
इसके अलावा मायावती ने मदरसों के खिलाफ योगी सरकार की कार्रवाई को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार को प्राइवेट मदरसों के प्रति सहयोगात्मक रवैया अपनाना चाहिए, न कि उन्हें अवैध बताकर बंद करना चाहिए। इससे प्रदेश की बुनियादी शिक्षा प्रणाली कमजोर हो रही है।
उन्होंने यह भी चिंता जताई कि इस वर्ष प्रदेश के स्कूलों में 22 लाख बच्चों के दाखिले में गिरावट आई है। उन्होंने सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि शिक्षा के महत्व और ज़रूरत को समझते हुए नीति बनानी चाहिए ताकि समाज का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।

Author: Sweta Sharma
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