निश्चय टाइम्स, डेस्क। विधि एवं न्याय मंत्रालय के विधिक कार्य विभाग ने महान स्वतंत्रता सेनानी और जनजातीय समुदाय के श्रद्धेय भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में जनजातीय गौरव दिवस पखवाड़ा मनाया। भगवान बिरसा मुंडा की विरासत न्याय, सम्मान और सांस्कृतिक विविधता के प्रति भारत की सामूहिक प्रतिबद्धता को उजागर करती रही है।विधि सचिव डॉ. अंजू राठी राणा के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में भारत के राष्ट्रीय इतिहास और राष्ट्र निर्माण में आदिवासी समुदायों के गहन योगदान पर प्रकाश डाला गया। भगवान बिरसा मुंडा के असाधारण साहस, स्वदेशी समुदायों के अधिकारों की रक्षा में उनके नेतृत्व और उनकी विरासत की शाश्वत प्रासंगिकता ने भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को मज़बूत किया है।
इस स्मरणोत्सव के एक भाग के रूप में, विधिक कार्य विभाग ने “बिरसा मुंडा का जीवन और योगदान” नामक एक लघु वीडियो प्रदर्शित किया, जिससे प्रतिभागियों और विभाग के कर्मचारियों को देश के आदिवासी समुदायों की परंपराओं, दृढ़ता और सांस्कृतिक गहराई को लेकर गहन जानकारी मिली। इस दृश्य-श्रव्य प्रस्तुति में बिरसा मुंडा के ऐतिहासिक योगदान और समकालीन भारत को समृद्ध बनाने वाली उनकी गहरी जड़ों वाली विरासत पर प्रकाश डाला गया।”राष्ट्रीय इतिहास और संस्कृति में जनजातीय समुदायों का योगदान” विषय पर निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित करने के लिए एक प्रमाण पत्र वितरण समारोह भी आयोजित किया गया। विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने सच्चे उत्साह और देशभक्ति की भावना के साथ भाग लिया, जिससे समावेशी सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देने और भारत की स्वदेशी विरासत का जश्न मनाने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई।जनजातीय गौरव दिवस पखवाड़ा का आयोजन जनजातीय समुदायों के अमूल्य योगदान को सम्मानित करने तथा भारत के इतिहास, पहचान और साझा विविधता को आकार देने में उनकी भूमिका के बारे में जनता की समझ को गहरा करने के लिए विभाग के निरंतर समर्पण को दर्शाता है।





