निश्चय टाइम्स, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन एवं स्पष्ट निर्देशों के क्रम में उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद् द्वारा कल 18 सितम्बर 2025 को “लेखपाल डैशबोर्ड” का शुभारम्भ किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्घाटन अध्यक्ष, राजस्व परिषद् श्री अनिल कुमार द्वारा लखनऊ की सरोजनी नगर तहसील में पूर्वान्ह 11.30 बजे किया जायेगा। इस अवसर पर जनपद लखनऊ की सभी तहसीलों के अधिकारी उपस्थित रहेंगे। उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद से प्राप्त जानकारी के अनुसार लेखपाल डेशबोर्ड के माध्यम से मुख्यमंत्री की मंशानुसार नागरिकों को दी जाने वाली सेवाएँ तेज़, पारदर्शी और सरल तथा तकनीक के माध्यम से प्रशासन को अधिक जवाबदेह और प्रभावी बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देशों के रूप में राजस्व परिषद् ने लेखपाल स्तर पर किए जा रहे कार्यों को डिजिटलीकृत करने की दिशा में यह अभिनव पहल की है।
अध्यक्ष, राजस्व परिषद ने बताया कि राजस्व परिषद् अपने अधीन प्रत्येक संवर्ग को आधुनिक तकनीक के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। प्रदेश में प्रतिदिन नागरिकों से सर्वाधिक संवाद लेखपाल वर्ग का ही होता है। भूमि संबंधी अभिलेखों का अद्यतन, विभिन्न प्रमाणपत्रों का सत्यापन, राजस्व से संबंधित जांचें तथा अभिमत प्रस्तुत करने जैसे अनेक उत्तरदायित्व लेखपालों पर होता है। प्रदेश की लगभग 10 करोड़ आबादी की आवश्यकताओं को प्रतिदिन संभालने का कार्य करीब 22,000 लेखपाल करते हैं। इसीलिए लेखपालों को डिजिटल माध्यम से सशक्त बनाना समय की मांग है और इस दिशा में “लेखपाल डैशबोर्ड” एक महत्वपूर्ण कदम है। यह डैशबोर्ड लेखपाल स्तर पर किए जा रहे समस्त कार्यों को शत-प्रतिशत डिजिटलीकरण की दिशा में ले जाएगा।
अध्यक्ष राजस्व परिषद ने बताया कि डैशबोर्ड की प्रमुख विशेषताओं में प्रत्येक लेखपाल को केवल एकल लॉगिन के माध्यम से अपने सभी कार्य व्यवस्थित ढंग से करने की सुविधा मिलेगी। भूमि अभिलेखों का अद्यतन, आय-जाति-निवास प्रमाणपत्रों से संबंधित आवेदनों की स्थिति, तथा धारा 34, 80, 89 और 98 की कार्यवाही इस डैशबोर्ड पर उपलब्ध होगी। जो सेवाएँ वर्तमान में ऑफ़लाइन हैं, उन्हें भी शीघ्र ही ऑनलाइन लाने की तैयारी है, जिससे प्रदेश के अंतिम छोर तक बैठे नागरिक को तेजी, पारदर्शिता और सुविधा प्राप्त हो सके। हल्का मैपिंग, अवकाश आवेदन एवं अनुमोदन भी पूर्णतः ऑनलाइन हो जाएगा। उच्चाधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के कार्य की प्रगति एवं स्थिति वास्तविक समय में देख सकेंगे। जिला एवं तहसील स्तर पर कार्यों की तुलना एवं विश्लेषण संभव होगा, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी, शामिल है।
अध्यक्ष राजस्व परिषद ने बताया कि भविष्य की योजनाओं में “राजस्व निरीक्षक डैशबोर्ड”, “तहसीलदार डैशबोर्ड” तथा “उपजिलाधिकारी डैशबोर्ड” विकसित किए जाने का प्रस्ताव है। इनके माध्यम से राजस्व प्रशासन के प्रत्येक स्तर पर कार्य की दक्षता, पारदर्शिता और निगरानी को और अधिक सुदृढ़ बनाया जाएगा।
