भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने मंगलवार को वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को मुस्लिम समुदाय के गरीबों और महिलाओं के लिए “वरदान” बताया। उन्होंने कहा कि, “मुस्लिम समाज के 80% लोग गरीब तबके से आते हैं। यह कानून उनके लिए मददगार साबित होगा और मुस्लिम राजनीति में यह एक ऐतिहासिक मोड़ लाएगा।” उल्लेखनीय है कि 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी, जिसे बजट सत्र के दौरान संसद में पारित किया गया था। इसके साथ ही मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2025 को भी मंजूरी मिली।
हालांकि, विपक्षी दलों ने इस कानून को संविधान विरोधी करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “यह कानून पूरी तरह असंवैधानिक है। सरकार ने इसे लागू करके जनता का ध्यान बेरोजगारी, महंगाई और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों से भटकाने की कोशिश की है। मुझे पूरा विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट इसे खारिज करेगा।” वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि सभी को न्यायालय जाने का अधिकार है और सरकार अपनी स्थिति न्यायालय में स्पष्ट करेगी।
इस बीच, जमीयत उलमा-ए-हिंद, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने भी इस कानून की वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। देश में इस कानून को लेकर सियासी और कानूनी लड़ाई अब तेज हो गई है।
Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.





