उत्तर प्रदेश के लखनऊ के चिनहट इलाके में पुलिस ने एक चौंकाने वाली घटना का पर्दाफाश किया है। बहराइच निवासी 22 वर्षीय युवक, सोमिल सिंह, जो खुद को दरोगा (सब-इंस्पेक्टर) बता रहा था, दरअसल एक फर्जी पुलिसकर्मी निकला। सोमिल ने अपनी पहचान छुपाकर एक बड़ा फर्जीवाड़ा करने का प्रयास किया, लेकिन यूपी पुलिस की सतर्कता से उसकी पोल खुल गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
वर्दी और पहचान से जुड़ा फर्जीवाड़ा
पुलिस के अनुसार, सोमिल सिंह ने अपने परिचित कांस्टेबल की वर्दी चुराई और बाजार से दरोगा के दो स्टार खरीदे। उसने इस वर्दी को पहनकर बहराइच से लखनऊ तक की यात्रा की, ताकि वह खुद को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के रूप में पेश कर सके। सोमिल लखनऊ आने का मकसद एक कार खरीदने का था, लेकिन उसके नकली पुलिस अधिकारी बनने के मंसूबे पर पानी फिर गया।
पुलिस ने जब सोमिल को पकड़ा, तो उसके साथ कार शोरूम में काम करने वाला एक युवक भी था, जिसे भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस का मानना है कि इस युवक का भी किसी न किसी रूप में सोमिल के फर्जीवाड़े से संबंध हो सकता है, जिसकी जांच की जा रही है।
कैसे पकड़ा गया फर्जी दरोगा?
घटना उस समय सामने आई जब पुलिस ने सुबह के वक्त लखनऊ-बाराबंकी हाईवे के पास आदर्श ढाबे के समीप चेकिंग के दौरान एक संदिग्ध कार को रोका। कार में बैठा सोमिल सिंह दरोगा की वर्दी में था, लेकिन उसकी वर्दी और जूतों के बीच असंगति ने पुलिसकर्मियों का ध्यान खींचा। यूपी पुलिस के नियमों के अनुसार, हर पुलिस अधिकारी को अपने वर्दी पर यूपी पुलिस का बैज लगाना होता है और वर्दी के अनुरूप जूते पहनने होते हैं। सोमिल के पास ना तो यूपी पुलिस का सही बैज था और ना ही वर्दी के अनुरूप जूते। इसके अलावा, उसकी पहचान पत्र भी नकली निकली।
जब पुलिस ने उससे सवाल किए तो वह खुद को बाराबंकी में तैनात दरोगा बताने लगा, लेकिन उसकी बातें पुलिस को संदिग्ध लगीं। बाद में गहन पूछताछ के बाद सच सामने आ गया कि सोमिल एक फर्जी पुलिसकर्मी है और उसने पुलिस विभाग से संबंधित सभी दस्तावेज और वर्दी नकली बनाई थी।
फर्जी पहचान के गंभीर नतीजे
चिनहट पुलिस ने सोमिल सिंह के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिनमें सरकारी कर्मचारी की वर्दी पहनने, फर्जी दस्तावेज बनाने और कानून के साथ धोखाधड़ी करने जैसे आरोप शामिल हैं। पुलिस फिलहाल सोमिल से पूछताछ कर रही है और इस बात की भी जांच की जा रही है कि कहीं उसने इसी फर्जी पहचान के साथ अन्य किसी अवैध गतिविधि को अंजाम तो नहीं दिया है।
इस मामले में पकड़ा गया दूसरा युवक, जो कार शोरूम में काम करता है, भी जांच के दायरे में है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि उसने सोमिल के इस फर्जीवाड़े में कितनी मदद की और उसकी भूमिका क्या थी।
फर्जी पुलिसकर्मी के पकड़ने की कहानी
सोमिल सिंह ने अपनी उम्र के हिसाब से एक बहुत ही गंभीर गलती की। उसके पास से बरामद फर्जी ID कार्ड इस बात का सबूत है कि वह कई अन्य अपराधों को अंजाम देने के इरादे से काम कर रहा था। लेकिन असली पुलिस ने समय रहते उसकी साजिश को नाकाम कर दिया। चिनहट पुलिस ने बताया कि सोमिल सिंह को पुलिस कस्टडी में रखा गया है और उससे गहन पूछताछ की जा रही है।
चिनहट पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि सोमिल ने कितने समय से यह फर्जीवाड़ा किया और क्या वह इस फर्जी पहचान के साथ किसी और अवैध गतिविधियों में शामिल रहा है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि क्या उसके किसी और सहयोगी भी इस साजिश में शामिल थे।
यह घटना उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आई है, लेकिन पुलिस की तेज कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि कोई भी अपराधी कितनी भी कोशिश कर ले, वह कानून से बच नहीं सकता।
