लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने वित्तीय अनुशासन को लेकर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। प्राधिकरण ने उन आवंटियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है, जिन्होंने निर्धारित समयसीमा के भीतर अपनी ईएमआई या बकाया राशि का भुगतान नहीं किया है। एलडीए ने ऐसे कुल 338 डिफॉल्टर आवंटियों की सूची तैयार की है, जिनका अब फ्लैट आवंटन निरस्त किया जाएगा।
एलडीए अधिकारियों के अनुसार, ये सभी डिफॉल्टर ऐसे आवंटी हैं जिन्हें पहले बार-बार नोटिस भेजकर भुगतान की याद दिलाई गई थी, लेकिन बार-बार चेतावनी के बावजूद कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। इस स्थिति को देखते हुए अब एलडीए ने इन सभी डिफॉल्टरों के खिलाफ कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है। प्राधिकरण का कहना है कि इन फ्लैटों को “पहले आओ, पहले पाओ” योजना के अंतर्गत दोबारा बिक्री के लिए रखा जाएगा। इससे एक ओर जहां प्राधिकरण को करोड़ों रुपये की राजस्व वसूली होने की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर नए इच्छुक खरीदारों को भी घर पाने का अवसर मिलेगा।
एलडीए ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई सिर्फ उन पर लागू होगी जिन्होंने जानबूझकर भुगतान नहीं किया और बार-बार नोटिस के बावजूद चूक करते रहे। प्राधिकरण ने आम जनता से अपील की है कि वे समय पर भुगतान करें, ताकि किसी तरह की असुविधा या कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके। यह निर्णय एलडीए की वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता की नीति को सख्ती से लागू करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। अब देखना यह होगा कि इस सख्ती के बाद बाकी आवंटियों में भुगतान को लेकर कितनी जागरूकता आती है।
Author: Sweta Sharma
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