RBI की एक महीने में दूसरी बड़ी कार्रवाई से ग्राहकों में हड़कंप
लखनऊ — रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने लखनऊ स्थित HCBL को-ऑपरेटिव बैंक का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है, जिससे बैंक के ग्राहकों में भारी घबराहट और अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। यह कदम एक महीने के भीतर दूसरी बार है जब RBI ने किसी सहकारी बैंक पर इतनी बड़ी कार्रवाई की है।
क्यों रद्द हुआ लाइसेंस?
RBI ने साफ कहा कि HCBL बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है, और भविष्य में बैंक के राजस्व अर्जन की कोई ठोस संभावना नहीं दिखती। इसलिए बैंक को जनहित में बंद करना आवश्यक हो गया था।
19 मई 2025 से बैंक का संपूर्ण बैंकिंग कारोबार बंद कर दिया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और रजिस्ट्रार को निर्देशित किया है कि वे बैंक को बंद करने की प्रक्रिया शुरू करें और एक लिक्विडेटर नियुक्त करें। इसके साथ ही बैंक को निर्देश दिए गए हैं कि वह न तो कोई नई जमा स्वीकार करेगा और न ही पुरानी लौटाएगा।

RBI ने यह भरोसा दिलाया है कि बैंक के जमाकर्ताओं को घबराने की ज़रूरत नहीं है। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) की ओर से प्रत्येक खाताधारक को ₹5 लाख तक की बीमा राशि मिलेगी। RBI के मुताबिक, बैंक के करीब 98.69% जमाकर्ता पूरी तरह कवर हो जाएंगे। 31 जनवरी 2025 तक ₹21.24 करोड़ का भुगतान DICGC पहले ही कर चुका है।
इससे पहले 16 अप्रैल 2025 को अहमदाबाद के कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक का भी लाइसेंस ठीक इन्हीं कारणों से रद्द किया गया था। RBI लगातार सहकारी बैंकों पर सख्त निगरानी बनाए हुए है और ग्राहकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है। HCBL बैंक का बंद होना न केवल उसके ग्राहकों बल्कि पूरे सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक चेतावनी है। RBI की यह कार्रवाई स्पष्ट संकेत देती है कि अब पूंजी और पारदर्शिता के बिना कोई भी बैंक ज्यादा दिन नहीं चल पाएगा।
Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.
								
															
			
			




