उत्तर प्रदेश शासन एवं आबकारी आयुक्त, उत्तर प्रदेश के आदेश के तहत, अवैध मदिरा के निर्माण, बिक्री, और तस्करी पर प्रभावी रोकथाम हेतु एक व्यापक प्रवर्तन अभियान चलाया गया। पुलिस आयुक्त, लखनऊ और जिलाधिकारी, लखनऊ के निर्देशन में इस अभियान के अंतर्गत कई जगहों पर छापेमारी और सघन चेकिंग की गई। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य राज्य में अवैध शराब के व्यापार और इसके प्रभाव से हो रहे नुकसान को नियंत्रित करना था।
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लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर सघन तलाशी अभियान

28 सितंबर की देर रात तक लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर आबकारी विभाग की टीम ने मय स्टाफ संदिग्ध भारी वाहनों और हल्के वाणिज्यिक वाहनों की सघन तलाशी ली। यह तलाशी अभियान विशेष रूप से उन वाहनों पर केंद्रित था जिनके बारे में अवैध शराब की तस्करी की आशंका थी। इस एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों की चेकिंग इसलिए भी की गई क्योंकि यह तस्करों द्वारा शराब को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का एक प्रमुख मार्ग है।
आबकारी टीम ने वाहनों की तलाशी के साथ-साथ राजमार्ग पर स्थित ढाबों पर भी छापेमारी की। ढाबों पर अवैध शराब की बिक्री और सेवन की शिकायतें मिल रही थीं, जिन्हें रोकने के लिए यह कार्रवाई की गई। ढाबों पर काम करने वाले कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई और नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की गई। अधिकारियों ने ढाबा मालिकों को चेतावनी दी कि अगर वे अवैध शराब की बिक्री में संलिप्त पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बार और क्लबों पर आकस्मिक निरीक्षण
एक अन्य टीम ने विभूतिखंड, गोमतीनगर स्थित बारों और क्लबों का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान मदिरा के स्टॉक का मिलान स्टॉक रजिस्टर से किया गया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बार में कोई अवैध शराब नहीं बेची जा रही है। इसके अलावा, ग्राहकों की उम्र सत्यापित करने के लिए उनकी आईडी कार्ड की भी जांच की गई।
इस जांच के दौरान गोमतीनगर के “क्लब मोमेंट्ज़” में “नो स्मोकिंग जोन” में धूम्रपान कराने के नियम का उल्लंघन पाया गया। इस पर नियमानुसार कार्रवाई की गई। प्रशासन ने स्पष्ट रूप से सभी बार संचालकों को यह निर्देश दिए कि वे अपने बार को नियमानुसार संचालित करें और केवल वैध तरीके से शराब की बिक्री करें।
POS मशीन का अनिवार्य उपयोग

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कई बार और क्लब POS (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन के बिना शराब की बिक्री कर रहे थे। अधिकारियों ने इस पर सख्त निर्देश जारी किए कि सभी बारों को POS मशीन के जरिए ही शराब बेचने की अनुमति होगी। POS मशीन के उपयोग से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बिक्री का पूरा रिकॉर्ड रखा जा सके और किसी भी प्रकार की अनियमितता को समय रहते पकड़ा जा सके।
समय सीमा का पालन करने के निर्देश
इसके साथ ही सभी बारों को समय सीमा का कड़ाई से पालन करने के निर्देश भी दिए गए। कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं जहां बार और क्लब समय सीमा से ज्यादा देर तक खुले रहते हैं, जो कि कानून का उल्लंघन है। अधिकारियों ने इस बारे में भी सख्त कदम उठाने का इरादा जताया और बार संचालकों को आगाह किया कि अगर वे समय सीमा का उल्लंघन करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जन जागरूकता और चेतावनी

इस अभियान के तहत न केवल अवैध मदिरा की बिक्री और तस्करी पर रोकथाम के लिए कदम उठाए गए, बल्कि आम जनता को भी इसके खतरों के प्रति जागरूक किया गया। अधिकारियों ने कहा कि अवैध शराब के सेवन से न केवल सेहत को नुकसान पहुंचता है, बल्कि यह कानूनन अपराध भी है। इससे जुड़ी घटनाओं में कई बार लोगों की जान चली जाती है, इसलिए इसका सेवन पूरी तरह से रोकने की जरूरत है।
आबकारी विभाग और पुलिस ने जनता से अपील की है कि अगर वे किसी भी प्रकार की अवैध शराब की बिक्री, निर्माण, या तस्करी के बारे में जानकारी रखते हैं तो तुरंत इसकी सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन या आबकारी विभाग को दें। इस तरह की सूचनाएं गोपनीय रखी जाएंगी और सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गुप्त रखी जाएगी।
आगे की कार्रवाई और निगरानी
आगे भी इस तरह की छापेमारी और जांच का अभियान जारी रहेगा। प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि लखनऊ और अन्य प्रमुख शहरों में बार, क्लब, ढाबे, और हाईवे के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी लगातार निगरानी की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अवैध शराब की तस्करी और बिक्री को पूरी तरह से रोका जाए।
अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के अभियान भविष्य में भी जारी रहेंगे और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उत्तर प्रदेश को अवैध शराब से पूरी तरह से मुक्त किया जा सके। इसके साथ ही बार और क्लब संचालकों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने व्यवसाय को पूरी तरह से कानून के दायरे में रखें और किसी भी प्रकार के उल्लंघन से बचें।





