लखनऊ: राजधानी लखनऊ में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए कमिश्नरेट पुलिस ने बड़ा और सख्त कदम उठाया है। अब शहर में ओला, ऊबर, रैपीडो, जोमैटो, स्विगी जैसी कैब और डिलीवरी सर्विस कंपनियों के ड्राइवर और डिलीवरी ब्वॉय बिना कैरेक्टर वेरिफिकेशन (चरित्र सत्यापन) के काम नहीं कर सकेंगे। पुलिस ने सभी सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे अपने कर्मचारियों का सत्यापन कराएं और पूरी वेरिफिकेशन लिस्ट पुलिस विभाग को सौंपें। हाल ही में लखनऊ में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें डिलीवरी ब्वॉयज और कैब ड्राइवर्स आपराधिक घटनाओं में शामिल पाए गए हैं। इन मामलों में चोरी, छेड़खानी, लूटपाट और धोखाधड़ी जैसी घटनाएं शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए यह कदम जरूरी था। अब कोई भी ड्राइवर या डिलीवरी ब्वॉय बिना वेरिफिकेशन के काम करता मिला तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस का यह भी कहना है कि अगर किसी ड्राइवर या डिलीवरी ब्वॉय का आपराधिक रिकॉर्ड पाया गया, तो संबंधित कंपनी को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा। यानी, केवल कर्मचारी ही नहीं बल्कि कंपनी पर भी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत एफआईआर दर्ज करने से लेकर कंपनी के लाइसेंस और संचालन पर रोक तक की कार्रवाई संभव है। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने सभी कंपनियों को नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर अपने सभी ड्राइवरों और डिलीवरी कर्मचारियों का सत्यापन पूरा करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस का मानना है कि यह कदम न केवल सुरक्षा के लिहाज से जरूरी है बल्कि इससे नागरिकों में विश्वास भी बढ़ेगा।
अधिकारियों ने बताया कि वेरिफिकेशन की प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से की जा सकती है। ड्राइवर और डिलीवरी ब्वॉय को अपने पहचान पत्र, पता प्रमाण और आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी संबंधित थाने में जमा करनी होगी। इसके बाद पुलिस द्वारा जांच कर वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।
पुलिस का कहना है कि राजधानी में लाखों की संख्या में डिलीवरी ब्वॉय और कैब ड्राइवर रोजाना सड़कों पर काम करते हैं, ऐसे में हर व्यक्ति की पृष्ठभूमि की जांच बेहद जरूरी है। इससे अपराधियों को पेशेवर प्लेटफॉर्म्स का गलत इस्तेमाल करने से रोका जा सकेगा। लखनऊ के पुलिस आयुक्त ने कहा, “हमारा उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं है, बल्कि जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। शहर की कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी कंपनियों को सहयोग करना होगा।
