महाकुंभ 2025 से पहले जूना अखाड़े में 13 साल की लड़की राखी को साध्वी बनाए जाने का मामला तूल पकड़ रहा है। इस पर जूना अखाड़े ने बड़ा कदम उठाते हुए दीक्षा दिलाने वाले महंत कौशल गिरि को सात साल के लिए अखाड़े से निष्कासित कर दिया है। राखी के साध्वी बनने की जिद और इस घटनाक्रम पर उनके दादा-दादी का बयान सामने आया है।
13 साल की राखी बनी साध्वी
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के टरकपुरा गांव की रहने वाली राखी को जूना अखाड़े ने साध्वी की दीक्षा दी थी। लेकिन, उसकी नाबालिग उम्र को देखते हुए यह कदम विवादों में आ गया। राखी को अब घर वापस भेज दिया गया है। साध्वी बनने के बाद उसे नया नाम गौरी गिरी महारानी दिया गया।
दादा-दादी की प्रतिक्रिया
राखी के दादा रोहतान सिंह धाकरे (65) ने कहा कि राखी की उम्र अभी साध्वी बनने की नहीं है। हमें इस बात की जानकारी तब हुई जब मीडिया हमारे घर पहुंचा। राखी की दादी राधा देवी ने बताया कि वह हमारे पास नहीं रहती।
जूना अखाड़े का बड़ा निर्णय
जूना अखाड़े ने साध्वी बनाने के इस फैसले को अस्वीकार करते हुए महंत कौशल गिरि को सात साल के लिए निष्कासित कर दिया है। उन्होंने कहा कि उम्र को ध्यान में रखना जरूरी है।
मथुरा में परिवार संग राखी
राखी को परिजनों के पास मथुरा के गोकुल भेज दिया गया है। वह परिवार की सबसे बड़ी बेटी है, जबकि उसकी छोटी बहन निक्की सात साल की है। जूना अखाड़े का यह निर्णय चर्चा का विषय बना हुआ है।

Author: Sweta Sharma
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