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महाकुंभ राजनीतिक नहीं साधु-संतों का समागम, हम भी जाएंगे : राजीव शुक्ला

नई दिल्ली। महाकुंभ 2025 की देश दुनिया में धूम है। सियासत भी खूब हो रही है। 8 करोड़ से ज्यादा लोग स्नान कर चुके हैं। अब कांग्रेस भी महाकुंभ नगर जाने को उत्सुक है। राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने सोमवार को कहा कि हम भी जाएंगे।

दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद ने कहा, “नेहरू जी और इंदिरा जी हर कुंभ में जाते थे। हम भी जाएंगे। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता जा रहे हैं। यह कोई राजनीतिक समागम नहीं है, यह साधु-संतों का समागम है। ये उसका भी श्रेय ले रहे हैं। संतों को श्रेय देने के बजाय वे स्वयं श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं। हर जगह विज्ञापन, पोस्टर और होर्डिंग्स लगाए गए हैं।”

भाजपा और आम आदमी पार्टी पर उन्होंने झूठा क्रेडिट लेने का आरोप भी लगाया। बोले, “दूसरों के काम का श्रेय लेना भाजपा और आप सरकार की आदत रही है। भाजपा और आप में सिर्फ इस बात की लड़ाई है कि कौन झूठा क्रेडिट ले? कौन दूसरे के काम पर तारीफ बटोर ले?

पीएम मोदी ने डॉ. मनमोहन सिंह की योजनाओं के उद्घाटन कर उनके काम का श्रेय लेने की कोशिश की, लेकिन मनमोहन सिंह जी ने कभी ऐसी बातों पर ऐतराज नहीं जताया। यहां तक कि चंद्रयान परियोजना भी मनमोहन सिंह की देन थी।”

सांसद ने फिर दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी जीत का दम भरा और मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल की याद भी दिलाई। कहा कि आज दिल्ली में जितने भी काम दिखते हैं, वे सभी कांग्रेस और शीला दीक्षित जी की देन हैं। आप और भाजपा की सरकार में सिर्फ खोखले प्रचार ही किए गए हैं। मुझे उम्मीद है कि आने वाली 5 फरवरी को दिल्ली की जनता इन दोनों दलों को सबक सिखाएगी। भाजपा की कोशिश ध्रुवीकरण की राजनीति करने की है। वो दिल्ली में देखने को मिल रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली के गरीबों के लिए हजारों मकान खाली पड़े हैं, वे ढह रहे हैं, टूट रहे हैं, लेकिन उन्हें आवंटित नहीं किया जा रहा, क्योंकि इसका श्रेय देना पड़ेगा। कांग्रेस की केंद्र सरकार ने जवाहरलाल शहरी नवीनीकरण मिशन के तहत दिल्ली के साथ अनुबंध कर 14 अलग-अलग स्थानों पर 52,344 फ्लैट्स गरीबों के लिए बनवाने का अनुबंध किया था। इसकी लागत 2415.82 करोड़ रुपए निर्धारित की गई थी। इसको बनाने का दायित्व डीएसआईईडीसी और डीयूएसआईबी को दिया गया था।

आंकड़ों की जुबानी वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने फ्लैट्स की हकीकत बताने की कोशिश की। बोले, “दुर्भाग्यपूर्ण बात ये है कि वर्षों पहले 35,744 फ्लैट्स का निर्माण होने के बाद भी गरीबों को सिर्फ 4,833 फ्लैट्स ही आवंटित किए गए। 30,303 घरों को भाजपा और आप की लड़ाई के कारण किसी को भी अलॉट नहीं किया गया। वहीं 16,600 निर्माणाधीन घर भी अब खस्ताहाल हो चुके हैं।

आप और भाजपा के श्रेय लेने की लड़ाई ने दिल्ली की जनता को बहुत नुकसान पहुंचाया है। इस मामले में न्यायालय ने कहा है कि गरीबों को फ्लैट्स न देना दुर्भाग्यपूर्ण होने के साथ ही गरीबों के साथ अन्याय भी है।”

Admin Desk
Author: Admin Desk

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