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ममता कुलकर्णी का यू-टर्न – फिर बनीं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर

प्रयागराज। पूर्व बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा देने के बाद यू-टर्न ले लिया है। जी हां, करण अर्जुन फेम ममता का अब कहना है कि किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। ममता कुलकर्णी हाल ही में 25 साल बाद भारत लौटी थीं और आते ही एक बड़ा धमाका कर दिया। उन्होंने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में संन्यास ले लिया है। पिंडदान के बाद उन्हें किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर का पद सौंप दिया गया था जिससे 10 फरवरी को पूर्व एक्ट्रेस ने इस्तीफा दे दिया।

ममता कुलकर्णी का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वो इस्तीफा वापस लेने की बात कहती नजर आ रही हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी खुलासा किया कि केवल तीन दिन बाद ही वो किन्नर अखाड़े में दोबारा क्यों शामिल हो गईं। वीडियो में ममता कुलकर्णी बताती हैं- “नमस्ते, मैं श्री यमाई ममता नंद गिरि। दो दिन पहले मेरे पट्टा गुरू डॉ आचार्य लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी के ऊपर कुछ लोगों ने गलत अक्षेप लगाए थे। उस भावना में आकर मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन उन्होंने वो इस्तीफा नामंजूर कर दिया’’। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने महामंडलेश्वर बनने के बाद छत्र, छड़ी की गुरू भेंट डॉ आचार्य लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को की थी और जो बचे थे वो उन्होंने भंडारे के लिए अर्पित कर दिया। उन्होंने पद पर वापस बैठाने के लिए आभार जताया और कहा कि अपनी आगे की जिंदगी किन्नर अखाड़े और सनातन धर्म के लिए समर्पित रहेंगी।

गौरतलब है कि ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनाने के फैसले का जमकर विरोध हो रहा था। आंतरिक और बाहरी कलह के बाद ममता कुलकर्णी को 31 जनवरी को किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने महामंडलेश्वर पद से हटा दिया था। इसके अलावा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर पद से हटाया गया था। संन्यास की दीक्षा लेने से पहले ममता कुलकर्णी ने आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की थी। अजय दास ने कार्रवाई करते हुए कहा था कि स्त्री को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाना सिद्धांतों के खिलाफ है। विवाद से घिरी ममता कुलकर्णी ने सोमवार (10 फरवरी) को महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि मैं 25 साल से साध्वी थी और साध्वी ही रहूंगी। मैंने 25 साल तप किया, कुछ लोगों के लिए ये आपत्तिजनक हो गया है। उन्होंने कहा कि कौन बॉलीवुड और मेकअप से दूर रहता है? लोग कहते हैं कि मैं ये क्यों करती हूं, वो क्यों करती हूं। मेरे महामंडलेश्वर होने से कई लोगों को आपत्ति हो गई। चाहे वो शंकराचार्य हो, चाहे महामंडलेश्वर हो। चैतन्य गगनगिरी महाराज के सानिध्य में मैंने 25 साल तप किया।

90 के दशक की मशहूर एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ में संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया था। एक इंटरव्यू में ममता ने बताया था कि मेरे भारत छोड़ने का कारण अध्यात्म था। 1996 में मेरा झुकाव आध्यात्म की ओर हुआ और उसी दौरान मेरी मुलाकात गुरु गगनगिरी महाराज से हुई। उनके आने के बाद अध्यात्म में मेरी रुचि बढ़ी और मेरी तपस्या शुरू हुई।

Admin Desk
Author: Admin Desk

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