कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को भाजपा पर “चुनाव आयोग की मदद” से दूसरे राज्यों के फर्जी मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल करने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि अगर सुधारात्मक उपाय नहीं किए गए तो वे चुनाव आयोग के कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना देंगी। यहां टीएमसी सम्मेलन को संबोधित करते हुए बनर्जी ने ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त करने पर भी सवाल उठाया और आरोप लगाया कि भाजपा संवैधानिक निकाय को “प्रभावित करने की कोशिश” कर रही है। उन्होंने दावा किया, “चुनाव आयोग के आशीर्वाद से भाजपा किस तरह मतदाता सूची में हेरफेर कर रही है, यह बिल्कुल स्पष्ट है।”
ममता बनर्जी ने कहा अगर मैं (2006 में भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के दौरान) 26 दिनों की भूख हड़ताल कर सकती हूं, तो हम चुनाव आयोग के खिलाफ भी आंदोलन शुरू कर सकते हैं। अगर जरूरत पड़ी तो हम मतदाता सूची में सुधार और फर्जी मतदाताओं को हटाने की मांग को लेकर चुनाव आयोग के कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना दे सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने “हरियाणा और गुजरात से मतदाताओं को नामांकित करके दिल्ली और महाराष्ट्र में भी इसी तरह की रणनीति अपनाई थी, ताकि चुनावों में हेरफेर किया जा सके।” “दिल्ली और महाराष्ट्र में, भाजपा ने हरियाणा और गुजरात से फर्जी मतदाताओं को नामांकित करके चुनाव जीते थे। पार्टी हरियाणा और गुजरात से इन फर्जी मतदाताओं को लाएगी और बंगाल में चुनाव जीतने की कोशिश करेगी, क्योंकि भाजपा जानती है कि अगर चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हुए तो वह बंगाल में कभी चुनाव नहीं जीत सकती।” बनर्जी ने भाजपा पर “चुनाव आयोग की मदद से पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में दूसरे राज्यों से फर्जी मतदाताओं का नामांकन सुनिश्चित करने” का आरोप लगाया। टीएमसी सुप्रीमो ने दावा किया, “हम भाजपा की मदद से मतदाता सूची में नामांकित फर्जी मतदाताओं की पहचान करेंगे। हम बाहरी लोगों (भाजपा) को बंगाल पर कब्जा नहीं करने देंगे।” बनर्जी ने आगे कहा, “भाजपा ने दिल्ली (विधानसभा चुनाव) में जो किया है, उसे बंगाल में दोहराया नहीं जा सकता।” उनकी टिप्पणी राज्य में बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच आई है, जिसमें सत्तारूढ़ टीएमसी और विपक्षी भाजपा दोनों ही एक भयंकर चुनावी लड़ाई के लिए कमर कस रहे हैं।
