मणिपुर में बीते साल से जातीय हिंसा लगातार जारी है, जिसमें अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों विस्थापित हुए हैं। राज्य में यह हिंसा लगातार भयावह रूप धारण कर रही है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व में भाजपा सरकार पर इस मुद्दे को लेकर भारी दबाव है।
सीएम बीरेन सिंह की माफी
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने जनता से माफी मांगी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह साल बेहद खराब रहा है। राज्य में 3 मई से लेकर अब तक जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए मैं राज्य के लोगों से माफी मांगता हूं। कई लोग अपने प्रियजनों को खो चुके हैं और हजारों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। मैं इससे बेहद दुखी हूं।’’ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने स्थिति को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास किया है और उन्हें उम्मीद है कि 2025 में राज्य में सामान्य स्थिति बहाल होगी।
हिंसा का ताजा दौर
मणिपुर में पिछले साल मई से जातीय हिंसा की शुरुआत हुई थी। हाल ही में, नवंबर में जिरीबाम में तीन महिलाओं और उनके तीन बच्चों की हत्या से राज्य में फिर से तनाव बढ़ गया था। इस हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि हजारों लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं।
सरकार पर बढ़ता दबाव
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की सरकार को हिंसा पर नियंत्रण पाने के लिए लगातार आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। एनडीए की सहयोगी पार्टी एनपीपी ने मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और नेतृत्व परिवर्तन की मांग की है। वहीं, विपक्षी दल भी मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
उम्मीद की किरण
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा है कि उन्होंने पिछले तीन-चार महीनों में स्थिति में सुधार की कोशिश की है और शांति की स्थिति बहाल करने के लिए हर संभव कदम उठाए हैं। उन्होंने जनता से विश्वास बनाए रखने और 2025 में स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई है |
Author: Sweta Sharma
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