इंफाल। मणिपुर के इंफाल वेस्ट जिले के एक गांव पर मंगलवार रात कुछ बंदूकधारियों ने हमला कर दिया। कडांगबंद इलाके में रात 1 बजे बम फेंके गए। गांव वालों ने भी इस हमले के जवाब में फायरिंग की। इसमें किसी के घायल होने की खबर नहीं है।
यह हिंसा राज्य के मेइती समुदाय और कूकी जनजाति के बीच हो रही जातीय संघर्षों के चलते बढ़ी है, और इससे सैकड़ों लोगों की जान चली गई है, जबकि हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। मणिपुर में यह ताजा घटना सीएम बीरेन सिंह के माफी मांगने के बयान के कुछ घंटों बाद हुआ। सीएम बीरेन ने मंगलवार को राज्य में हुई हिंसा और उसमें हुई जनहानि को लेकर माफी मांगी थी। सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह इस हिंसा के लिए जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं और इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
मणिपुर में हालिया हमले में, एक दूरदराज के गांव पर सशस्त्र लोगों ने हमला किया, जिससे स्थानीय निवासियों में डर और तनाव फैल गया। हमलावरों ने घरों को आग लगा दी, ग्रामीणों को डराया-धमकाया और कई को भागने के लिए मजबूर कर दिया। यह हमला उस वक्त हुआ जब मुख्यमंत्री की ओर से माफी के बाद यह उम्मीद जताई जा रही थी कि राज्य में शांति की स्थिति बहाल होगी और हिंसा का दौर समाप्त होगा।
हमले के पीछे की वजहों को लेकर अभी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन कई रिपोर्ट्स के अनुसार, हमलावरों का ताल्लुक उन समुदायों से हो सकता है जो राज्य में जारी जातीय संघर्षों का हिस्सा हैं। संघर्ष के कारण राज्य में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी गई है और सरकार ने शांति बहाली के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
बीरेन सिंह ने माफी के बाद कहा था कि राज्य सरकार अपनी पूरी शक्ति से हिंसा को रोकने की कोशिश करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, इन घटनाओं से राज्य की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति और जटिल हो गई है। सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रशासन को मणिपुर के विभिन्न हिस्सों में नियंत्रण स्थापित करने में कठिनाइयाँ आ रही हैं, और कई स्थानों पर कर्फ्यू भी लगाया गया है।
इस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल पूछा था कि पीएम मोदी मणिपुर क्यों नहीं जाते हैं। इसके जवाब में बीरेन ने कहा था कि पूर्व पीएम नरसिम्हा राव के कार्यकाल में भी मणिपुर में अशांति थी। क्या वह वहां गए थे।
सीएम बीरेन ने साल 2024 के आखिर दिन मीडिया से चर्चा के दौरान कहा था कि हिंसा में कई लोगों ने अपने प्रियजन को खो दिया। कई लोगों बेघर हो गए हैं। मुझे खेद है। मैं माफी मांगता हूं।
मणिपुर में मई 2023 से अक्टूबर 2023 तक गोलीबारी की 408 घटनाएं दर्ज की गईं। नवंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक 345 घटनाएं हुईं। मई 2024 से अब तक 112 घटनाएं सामने आई हैं।
राज्य में सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए, केन्द्र सरकार ने भी मणिपुर के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की योजना बनाई है, ताकि हिंसा को और बढ़ने से रोका जा सके।
