बलिया। प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी ने फेफना विधायक व समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष संग्राम सिंह यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने विधायक पर स्वार्थपूर्ण राजनीति करने और संवेदनहीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि फेफना थाना क्षेत्र के पक्की कोट गांव में यादव बस्ती पर उसी गांव के मुस्लिम बस्ती के कुछ अराजक तत्वों ने हमला किया। इस हमले के बाद, विधायक ने पीड़ित पक्ष और पुलिस पर समझौते का दबाव बनाया, जो निंदनीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के चलते विधायक ने मानवता को तिलांजलि दे दी, जो बेहद शर्मनाक है।
पूर्व मंत्री ने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव से मांगा जवाब पूर्व मंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी “पीडीए” (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) का नारा देती है, लेकिन इस घटना के बाद अखिलेश यादव को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उनके लिए यादव समाज केवल वोट बैंक भर है? क्या पीडीए सिर्फ एक छलावा है? हमला सुनियोजित तरीके से हुआ, जब यादव बस्ती के सभी पुरुष सदस्य स्व. दारोगा यादव के अंतिम संस्कार के लिए गंगा घाट गए हुए थे। घरों में सिर्फ महिलाएं, युवतियां और बच्चे मौजूद थे। मामूली विवाद को लेकर पूरी बस्ती में अराजकता फैलाई गई, घरों के दरवाजे, खिड़कियां, ग्रिल और लाइटें तोड़ दी गईं। 15 वर्षीय छात्रा सीमा यादव पर बर्बर हमला किया गया, जिससे वह कोमा में चली गई। इसके बावजूद, विधायक ने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय फर्जी क्रॉस केस दर्ज करवाकर पीड़ित परिवार पर समझौते का दबाव बनाया। पुलिस पर भी उठाए सवाल, 24 घंटे का अल्टीमेटम पूर्व मंत्री ने फेफना थाने के हल्का इंचार्ज की भूमिका को संदिग्ध बताया और पुलिस अधिकारियों को 24 घंटे के भीतर आरोपितों की गिरफ्तारी का अल्टीमेटम दिया। इस मौके पर उनके साथ चितबड़ागांव चेयरमैन अमरजीत सिंह, टुनटुन उपाध्याय, मंडल अध्यक्ष मोतीचंद गुप्ता, हरेंद्र सिंह और अजय सिंह सहित कई नेता मौजूद रहे।
