नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि ‘परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्त्व अधिनियम, 2010’ में संशोधन की नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की घोषणा एक ‘‘यू-टर्न’’ (पहले के रुख से पलटी मारना) है तथा इसका मकसद फ्रांसीसी और अमेरिकी कंपनियों को खुश करना है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी इन दोनों देशों की यात्रा पर जा रहे हैं।
पार्टी महसचिव जयराम रमेश ने इस बात का उल्लेख भी किया कि आठ फरवरी, 2015 को विदेश मंत्रालय ने ‘परमाणु क्षति अधिनियम 2010 और संबंधित मुद्दों के लिए नागरिक दायित्व पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर’ नामक एक पुस्तिका जारी की थी। उनके अनुसार, इस पुस्तिका में अंकित प्रश्न संख्या तीन में कहा गया था कि क्या भारत अपने परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम 2010 (सीएनएलडी अधिनियम 2010) और 2011 के सीएनएलडी नियमों में संशोधन करने के लिए सहमत हो गया है? यदि अभी नहीं, तो क्या भविष्य में उनमें संशोधन किया जाएगा?’’
रमेश ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा इस प्रश्न के उत्तर में कहा गया था कि ‘‘अधिनियम या नियमों में संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है।’’ आरोप लगाया, ‘‘यह ‘यू-टर्न’ स्पष्ट रूप से फ्रांसीसी और अमेरिकी कंपनियों को खुश करने के लिए लिया गया है क्योंकि प्रधानमंत्री अगले चार दिनों में इन दोनों देशों की यात्रा करने वाले हैं।’’ उन्होंने कहा कि इन कंपनियों के साथ 15 साल से अधिक समय से बातचीत जारी है। कहा, परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम, 2010 को संसद के अंदर और बाहर काफी चर्चा के बाद पारित किया गया था। राज्यसभा में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने इस कानून को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 फरवरी से अमेरिका की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे जहां वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। अमेरिका की यात्रा से पहले, मोदी 10-12 फरवरी तक फ्रांस में रहेंगे। वहां पर वह फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ ‘एआई एक्शन समिट’ की सह-अध्यक्षता करेंगे।
