पटना की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने मोकामा फायरिंग केस में पूर्व विधायक अनंत सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी है। उनकी कानूनी टीम इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की योजना बना रही है। इस मामले में सिंह पर सरकारी काम में बाधा डालने और कानून प्रवर्तन कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने समेत कई आरोप हैं।
22 जनवरी 2025 को मोकामा के पंचमहला थाना अंतर्गत नौरंगा जलालपुर गांव में पूर्व विधायक अनंत सिंह और सोनू-मोनू गिरोह के बीच हिंसक झड़प हुई थी। यह झगड़ा एक घर पर कथित अवैध कब्जे को लेकर हुआ, जिसमें दोनों पक्षों के बीच करीब 200 राउंड फायरिंग हुई।
सौभाग्य से, अनंत सिंह सुरक्षित बच गए, लेकिन उनके एक समर्थक को गोली लग गई। इस घटना के बाद उनके खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गईं। पटना पुलिस ने उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया, वहीं दूसरी एफआईआर सोनू और मोनू सिंह की मां उर्मिला देवी की शिकायत पर दर्ज हुई।
अनंत सिंह ने 24 जनवरी 2025 को बाढ़ उप-विभागीय न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उन्हें पटना के बेउर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। इस बीच, पुलिस ने सोनू सिंह को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मोनू सिंह अभी भी फरार है।
सोनू-मोनू गिरोह और अनंत सिंह के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं, जिसके कारण हिंसक झड़पें हो रही हैं। पुलिस फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। अगर वे जल्द आत्मसमर्पण नहीं करते, तो पटना पुलिस उनकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू कर सकती है।

Author: Sweta Sharma
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