चंडीगढ़। खडूर साहिब लोकसभा सीट से सांसद अमृतपाल सिंह को सांसदी जाने का डर सता रहा है। उसने इसके लिए ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और अन्य संबंधित पक्षों से संसद की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति देने की मांग की है। अपनी याचिका में अमृतपाल ने कहा कि उसकी संसद में उपस्थिति जरूरी है, नहीं तो सदस्यता चली जाएगी। अमृतपाल ने कहा है कि लोकसभा सचिवालय की तरफ से उसे एक समन भेजा गया है। समन में कहा गया है कि उसकी अनुपस्थिति से उसके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
बता दें वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह वर्तमान में एनएसए के तहत डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल में बंद है। याचिका में अमृतपाल ने आरोप लगाया कि उसे जानबूझकर संसद में भाग लेने से रोका जा रहा है ताकि उसकी सीट का प्रतिनिधित्व न हो और उसे खाली घोषित किया जा सके। अमृतपाल ने कहा कि 60 दिन से ज्यादा उनकी अनुपस्थिति के कारण सीट खाली घोषित हो सकती है। इसके बाद उसकी सदस्यता चली जाएगी। उसने कहा कि खडूर साहिब के करीब 19 लाख मतदाताओं को भी नुकसान होगा। अमृतपाल ने फंड के कार्यान्वयन के संबंध में अधिकारियों और मंत्रियों से मुलाकात करने की अनुमति देने का भी निर्देश देने की मांग की है। यह योजना सांसदों को स्थानीय जरुरतों के आधार पर विकास परियोजनाओं की सिफारिश करने की अनुमति देती है।
याचिका के मुताबिक अमृतपाल ने पिछले साल 30 नवंबर को लोकसभा अध्यक्ष से संसद सत्र में शामिल होने की अनुमति देने की औपचारिक मांग की थी। याचिका में यह भी कहा गया है कि उसे संसद की कार्यवाही से 46 दिन की अनुपस्थिति के बारे में पहले ही सूचित किया जा चुका था। उसने डिप्टी कमिश्नर, जिला मजिस्ट्रेट से भी सत्र में भाग लेने की अनुमति के लिए आवेदन किया था, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। सांसद सिंह ने तर्क दिया कि वह अपनी मर्जी से संसद से बाहर नहीं रहते हैं, बल्कि यह सरकार की कार्रवाई का परिणाम है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की अनुपस्थिति संसद की अवमानना है, क्योंकि यह एक निर्वाचित प्रतिनिधि को अपने विधायी कर्तव्यों का पालन करने से रोकता है।
