एमपॉक्स वायरस (जिसे पहले मंकीपॉक्स कहा जाता था) के मामले अब पाकिस्तान तक पहुंच चुके हैं, जिससे भारत को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। उत्तरी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को तीन मरीजों में एमपॉक्स वायरस की पुष्टि की है। ये मरीज हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात से लौटे थे, जहां उनकी जांच में संक्रमण का पता चला।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एमपॉक्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। पाकिस्तान में पहले भी एमपॉक्स के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन इस बार वायरस के फैलने की दर अधिक चिंताजनक है। खैबर पख्तूनख्वा के स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक सलीम खान ने बताया कि तीनों मरीजों को अलग रखा गया है और उनकी स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।
हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि इन मरीजों में एमपॉक्स का कौन सा वैरिएंट पाया गया है। तीसरे मरीज के नमूनों की पुष्टि के लिए उन्हें इस्लामाबाद के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान भेजा गया है। वैश्विक स्वास्थ्य अधिकारियों ने हाल ही में स्वीडन में एमपॉक्स वायरस के एक नए प्रकार के संक्रमण की पुष्टि की है, जिससे वायरस के और भी खतरनाक रूप सामने आने की आशंका बढ़ गई है।
एमपॉक्स वायरस मुख्य रूप से निकट संपर्क के जरिए फैलता है और इसमें फ्लू जैसे लक्षण होते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है। अफ्रीका के शीर्ष सार्वजनिक स्वास्थ्य निकाय ने मंगलवार को इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया, जिससे इस वायरस के खतरे को गंभीरता से लेने की आवश्यकता और भी बढ़ गई है। भारत को इस वायरस से सतर्क रहना होगा और आवश्यक एहतियाती कदम उठाने होंगे।
Author: Sweta Sharma
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