उत्तर प्रदेश के मत्स्य विकास कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने आज अधिकारियों को निर्देशित किया कि मेला और जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाए, ताकि तालाब पट्टेधारकों को समग्र जानकारी मिल सके और वे योजनाओं का लाभ आसानी से प्राप्त कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि ग्राम्य विकास विभाग, पंचायती राज और राजस्व परिषद के साथ समन्वय स्थापित कर 6 महीने के भीतर पट्टे की प्रक्रिया पूरी की जाए।
डॉ. निषाद ने बताया कि मत्स्य व्यवसाय न केवल राजस्व वृद्धि में मदद करेगा, बल्कि इससे रोजगार के भी कई नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मत्स्य तकनीक के अभिनव प्रयोगों को अपनाया जाए, ताकि प्रदेश में मत्स्य उत्पादन में वृद्धि हो और इसे आत्मनिर्भर बनाया जा सके। इसके अलावा, मछुआ समुदाय और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को स्वरोजगार के अवसरों के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

कैबिनेट मंत्री ने योजनाओं का अधिक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश भी दिया, ताकि अधिक से अधिक लोग इन योजनाओं का लाभ उठा सकें। महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करने की दिशा में भी कदम उठाने की बात की गई। उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना और अन्य संबंधित योजनाओं के बारे में लोगों को विस्तृत जानकारी देने के लिए जागरूकता शिविर आयोजित करने का सुझाव दिया।
मंत्री ने कहा कि प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मत्स्य विकास विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण है। इसके तहत, मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में कई परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी और योजनाओं को पारदर्शिता के साथ शीघ्र लागू किया जाएगा। उन्होंने मत्स्य क्षेत्र में भूमिहीन मछुआरों को केसीसी के माध्यम से ऋण मुहैया कराने पर भी जोर दिया।
बैठक में प्रमुख सचिव, मत्स्य विकास विभाग, श्री के रविंद्र नायक ने कहा कि सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा और कार्यों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
Author: Sweta Sharma
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