नई दिल्ली : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने हाल ही में यह बयान दिया कि वर्ष 2014 से ही नेहरू की अधिकतम आलोचना से शासन चल रहा है। उनका कहना था कि भारतीय राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नेहरू की विचारधारा और योगदान पर अत्यधिक आलोचना की जा रही है, जो भारतीय राजनीति के लिए एक गंभीर चिंताजनक विषय बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह आलोचना अब एक राजनीतिक रणनीति बन गई है, जिसका उद्देश्य नेहरू के योगदान को कमजोर और विकृत करना है।

जयराम रमेश ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आलोचना केवल जवाहरलाल नेहरू तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उनके द्वारा स्थापित संस्थागत ढांचे, जैसे भारतीय राज्य, संविधान, और लोकतंत्र की विचारधारा पर भी हमला किया जा रहा है। उनका मानना है कि यह आलोचना भारतीय राजनीति के लिए खतरनाक हो सकती है, क्योंकि इससे देश की राजनीतिक स्थिरता और समावेशी विकास की दिशा प्रभावित हो सकती है।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सरकार के कई फैसले और नीतियां नेहरू की विरासत को नकारने की दिशा में उठाए गए कदम हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की आलोचना से भारतीय समाज में असहमति और विभाजन को बढ़ावा मिल सकता है। जयराम रमेश का यह बयान एक प्रकार से कांग्रेस की ओर से यह संदेश था कि नेहरू के योगदान को नकारना भारतीय राजनीति और समाज के लिए सही नहीं है।
इस प्रकार, जयराम रमेश ने 2014 के बाद की राजनीतिक परिस्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि यह आलोचना भारतीय राजनीति के लिए एक दीर्घकालिक संकट का कारण बन सकती है।
								
															
			
			




