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योगी सरकार के नेतृत्व में माटीकला और ग्रामोद्योग को नया प्रोत्साहन

योगी सरकार के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड और खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ने पारंपरिक कारीगरों को प्रोत्साहन देने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शनिवार को लखनऊ के गांधी भवन प्रेक्षागृह में “राज्य स्तरीय माटीकला एवं ग्रामोद्योग पुरस्कार वितरण समारोह-2025” का भव्य आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री श्री राकेश सचान ने किया। इस अवसर पर उत्कृष्ट शिल्पकारों और उद्यमियों को सम्मानित किया गया और माटीकला और ग्रामोद्योग के क्षेत्र में उनके योगदान को सराहा गया। योगी सरकार की इस पहल को न केवल कारीगरों के आर्थिक सशक्तिकरण के रूप में देखा जा रहा है बल्कि पर्यावरण संरक्षण और पारंपरिक कला को संरक्षित करने की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

मंत्री राकेश सचान ने अपने संबोधन में कहा कि योगी सरकार माटीकला और खादी उद्योग को बढ़ावा देकर पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य सुधार और रोजगार सृजन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने पॉलीथीन के विकल्प के रूप में माटीकला उत्पादों जैसे कुल्हड़, गिलास, थाली और बोतल के उपयोग को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि माटीकला न केवल हमारी परंपरा को जीवित रखती है बल्कि राष्ट्रप्रेम की भावना को भी सुदृढ़ करती है।

प्रमुख सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग अनिल कुमार सागर ने कहा कि वर्ष 2024-25 में 2,325 विद्युत चालित चाक, 375 पगमिल मशीनों का वितरण और 300 इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य पूरा किया जा चुका है। इसके साथ ही खादी बोर्ड ने 580 दोना-पत्तल मशीन और 756 पॉपकॉर्न मशीनें भी वितरित की हैं। पिछले पांच वर्षों में माटीकला बोर्ड ने 30,888 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित किए हैं।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. उज्ज्वल कुमार ने माटीकला बोर्ड की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अब तक 48,048 कारीगर परिवारों का चिन्हांकन किया गया है। इनमें से 32,593 परिवारों को मिट्टी खोदने के पट्टे, 15,832 विद्युत चालित चाक, 81 दीया मेकिंग मशीन और 31 पेंटिंग मशीनें वितरित की जा चुकी हैं।

कार्यक्रम में राज्य स्तरीय माटीकला और ग्रामोद्योगी पुरस्कार भी प्रदान किए गए। माटीकला श्रेणी में आजमगढ़ के आनंद कुमार प्रजापति को प्रथम पुरस्कार (40,000 रुपये), अयोध्या के राम सजीवन प्रजापति को द्वितीय पुरस्कार (30,000 रुपये) और कानपुर देहात के विपिन कुमार को तृतीय पुरस्कार (20,000 रुपये) से सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का समापन नोडल अधिकारी संजय कुमार पाण्डेय द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। इस अवसर पर सचिव प्रांजल यादव, उ०प्र० माटीकला बोर्ड एवं खादी बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

 

 

 

 

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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