वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरीना मचाडो को वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है। हालांकि, इस पुरस्कार की दौड़ में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम भी काफी चर्चा में था। लेकिन जब परिणाम घोषित हुआ, तो ट्रंप को यह सम्मान नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने अपनी निराशा सार्वजनिक रूप से व्यक्त की।
ट्रंप ने कहा कि मारिया कोरीना मचाडो ने खुद उन्हें फोन कर बताया कि वह यह पुरस्कार उनके सम्मान में स्वीकार कर रही हैं। ट्रंप के अनुसार, “उन्होंने कहा कि मैं वास्तव में इस पुरस्कार का असली हकदार हूं।” हालांकि, ट्रंप ने मुस्कराते हुए जोड़ा, “मैंने उनसे यह नहीं कहा कि इसे मुझे दे दो।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं खुश हूं कि मैंने लाखों लोगों की जान बचाई है। आप यह भी कह सकते हैं कि यह पुरस्कार 2024 के लिए दिया गया है, जब मैं चुनाव लड़ रहा था।”
ट्रंप ने अपने बयान में बताया कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने आठ शांति समझौते कराए, जिनमें से कुछ 30 साल से अधिक पुराने विवादों से जुड़े थे। उन्होंने कहा, “मैंने एक ऐसा समझौता कराया जो 31 साल से चल रहा था, दूसरा जो 36 साल से और तीसरा जो 10 साल से चल रहा था।”
इसके साथ ही ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “भारत-पाकिस्तान का युद्ध बेहद खतरनाक था। उस दौरान सात विमान मार गिराए गए थे, लेकिन हमने शांति बहाल करने की कोशिश की।”
व्हाइट हाउस में शुक्रवार (10 अक्तूबर 2025) को मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रंप ने अपने कार्यकाल में किए गए शांति प्रयासों की लंबी सूची गिनाई। इस दौरान वे मारिया मचाडो की जीत पर बात करते हुए visibly उदास नजर आए।
पुरस्कार की घोषणा के बाद व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया भी तीखी रही। प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप शांति समझौते करते रहेंगे, युद्ध खत्म करेंगे और जानें बचाते रहेंगे। उनका दिल एक सच्चा मानवतावादी है, और उनके जैसा कोई नहीं।”
