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बाल दिवस पर जानिए ‘चाचा नेहरू’ की प्रेरणादायक सीखें

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pandit Jawahar Lal Nehru) का नाम स्वतंत्रता संग्राम और आधुनिक भारत के निर्माण दोनों से गहराई से जुड़ा हुआ है। उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था। बच्चों के प्रति उनके गहरे प्रेम और स्नेह के कारण ही उनके जन्मदिन को हर साल बाल दिवस (Children’s Day) के रूप में मनाया जाता है।

पंडित नेहरू को “चाचा नेहरू” के नाम से जाना जाता है। वे मानते थे कि बच्चे देश का भविष्य हैं, और उन्हें प्यार, शिक्षा और अच्छे संस्कार देना हर समाज की जिम्मेदारी है। नेहरू जी ने कहा था — “सही शिक्षा से ही समाज की बेहतर व्यवस्था का निर्माण किया जा सकता है।” उनका यह विचार आज भी शिक्षा के महत्व को उजागर करता है।

वे हमेशा सच्चाई और तथ्यों के साथ खड़े रहने की बात करते थे। उनके अनुसार — “तथ्य, तथ्य हैं और आपके नापसंद करने से गायब नहीं हो जाएंगे।” यह संदेश हमें सिखाता है कि जीवन में सच्चाई का सामना करना जरूरी है।

नेहरू जी के विचारों में मेहनत और आत्मविश्वास की झलक भी साफ दिखती है। उन्होंने कहा था — “सफलता उन्हें मिलती है जो निडर होकर फैसला लेते हैं और परिणामों से नहीं घबराते।” उन्होंने हमेशा युवाओं को प्रोत्साहित किया कि वे अपने आदर्शों और सिद्धांतों को कभी न भूलें, क्योंकि “असफलता तब होती है जब हम अपने आदर्शों, उद्देश्यों और सिद्धांतों को भूल जाते हैं।”

बाल दिवस के इस अवसर पर नेहरू जी के विचार हमें याद दिलाते हैं कि सच्ची प्रगति केवल भौतिक नहीं, बल्कि नैतिक और बौद्धिक भी होती है। उनके शब्द आज भी हमें प्रेरित करते हैं कि हम न केवल खुद बेहतर बनें, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए भी एक सशक्त और शिक्षित भारत का निर्माण करें।

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Author: ntuser1

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