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लोकसभा में ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक पेश नहीं होगा, सरकार ने टाला फैसला

‘एक देश, एक चुनाव’ (ONOE) विधेयक को सोमवार को लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना थी, लेकिन अब सरकार ने इसे टाल दिया है। संशोधित कार्यसूची में इस विधेयक को सोमवार के एजेंडे से हटा दिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार पहले वित्तीय कार्यों को निपटाना चाहती है, जिसके बाद इस विधेयक को पेश किया जाएगा।
वित्तीय कार्य प्राथमिकता में
सरकार ने संसद में दो अन्य विधेयक – संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और संघ राज्य क्षेत्र कानून (संशोधन) विधेयक – को सोमवार के लिए सूचीबद्ध किया था। हालांकि, पहले अनुदानों की अनुपूरक मांगों को पूरा करने के बाद इन विधेयकों को पेश किया जाएगा। संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त हो रहा है, इसलिए संभावना है कि ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक इसी सप्ताह के अंत तक पेश किया जा सकता है।

2034 से पहले एक साथ चुनाव की संभावना नहीं
संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 के मसौदे के अनुसार, लोकसभा चुनाव के बाद राष्ट्रपति एक तारीख तय करेंगे, जिसके तहत सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल लोकसभा के साथ समाप्त हो जाएगा। चूंकि 2024 के चुनाव नजदीक हैं, इस तारीख को 2029 के आम चुनाव के बाद तय किया जा सकता है। ऐसे में, एक साथ चुनाव 2034 से पहले होने की संभावना बेहद कम है।
विधेयक के मुख्य प्रावधान
इस विधेयक में संविधान में कई संशोधन प्रस्तावित हैं, जैसे:
  • अनुच्छेद 82(ए): लोकसभा और सभी विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव का प्रावधान।
  • अनुच्छेद 83 और 172 में संशोधन: संसद और राज्य विधानसभाओं की अवधि के प्रावधान।
  • अनुच्छेद 327 में संशोधन: संसद को विधानसभाओं के चुनाव से जुड़े प्रावधान बनाने की शक्ति।
यदि किसी राज्य विधानसभा का कार्यकाल लोकसभा के पहले समाप्त हो जाता है, तो उस विधानसभा के लिए मध्यावधि चुनाव केवल उसके बचे हुए कार्यकाल के लिए कराए जाएंगे।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की समिति की सिफारिशों पर आधारित
इस विधेयक का मसौदा पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों पर आधारित है। यह समिति ‘एक देश, एक चुनाव’ के क्रियान्वयन की संभावनाओं और उससे जुड़े संवैधानिक पहलुओं पर विचार कर रही थी।
सरकार का बड़ा कदम
‘एक देश, एक चुनाव’ का विचार देश में चुनावी प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ-साथ बार-बार होने वाले चुनावों के खर्च और प्रशासनिक दबाव को कम करने के लिए लाया जा रहा है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस विधेयक को कब और कैसे पारित कराती है।

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Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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