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वन नेशन, वन इलेक्शन: मोदी सरकार की बड़ी घोषणा, बढ़ाई गई JPC की सदस्यता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने आगामी वन नेशन, वन इलेक्शन को लागू करने के अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। इस मुद्दे पर शीतकालीन सत्र में एक महत्वपूर्ण बिल पेश किया जा चुका है, जिसे अब संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने के लिए लोकसभा में वोटिंग भी हो चुकी है। शुक्रवार को इस बिल की समीक्षा के लिए केंद्र सरकार एक नई घोषणा करने जा रही है।
जेपीसी में बढ़ाई गई सदस्यता
आज संसद सत्र के आखिरी दिन केंद्र सरकार लोकसभा में एक प्रस्ताव लेकर आएगी। इसमें जेपीसी की सदस्यता बढ़ाने का प्रस्ताव है। वर्तमान में समिति में 31 सदस्य थे, जिसे अब बढ़ाकर 39 कर दिया गया है। सरकार ने ऐसा इसलिए किया है ताकि जिन राजनीतिक दलों को पहले सदस्यता नहीं दी गई थी, उन्हें भी अपनी बात रखने का मौका मिल सके।
अब समिति में लोकसभा से करीब 27 और राज्यसभा से 12 सदस्य होंगे। इस फैसले के जरिए शिवसेना (UBT), समाजवादी पार्टी, बीजेपी, एलजेपी (रामविलास) और अन्य दलों को प्रतिनिधित्व का अवसर दिया गया है।
जेपीसी में नए सदस्य
जेपीसी में शामिल किए गए नए सदस्यों में प्रमुख नाम शामिल हैं:
  • शिवसेना UBT से अनिल देसाई
  • समाजवादी पार्टी से छोटेलाल
  • बीजेपी से वैजयंत पांडा और संजय जायसवाल
  • एलजेपी (रामविलास) से शांभवी चौधरी (बीजेपी)
  • सीपीएम से के. राधाकृष्णन
इसके अलावा कांग्रेस से प्रियंका गांधी, सुखदेव भगत और मनीष तिवारी भी समिति में होंगे।
समिति का उद्देश्य और सरकार की तैयारी
मोदी सरकार की कोशिश है कि जेपीसी में सभी प्रमुख दलों की भागीदारी सुनिश्चित हो ताकि आगामी वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को संसद में बिना किसी व्यवधान के पारित किया जा सके। सरकार का मानना है कि यदि किसी सदस्य की तरफ से आपत्ति उठाई जाती है, तो उसे यह स्पष्ट करने का मौका मिलेगा कि उनके दल ने इस मुद्दे को जेपीसी में क्यों नहीं उठाया।
सूत्रों की मानें तो भाजपा आगामी वन नेशन, वन इलेक्शन को लागू करने के लिए देश भर में जनता की राय भी लेगी, लेकिन मोदी सरकार इस महत्वपूर्ण बिल को हर स्थिति में लागू करना चाहती है ताकि देश के संसाधनों की बचत हो सके।
सियासी समीकरण और भविष्य की रणनीति
जेपीसी में सदस्यता बढ़ाने का यह कदम भविष्य में और भी बड़े राजनीतिक समीकरणों को आकार देने में मदद करेगा। साथ ही, विपक्ष भी अपनी राय स्वतंत्र रूप से रख सकेगा और बिल को संसद में पारित करवाने के लिए प्रभावी तरीके से काम कर सकेगा।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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