राजधानी के चिनहट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बिगत शुक्रवार को एक मामला सामने आया था जिसमे इंटर्न मरीजो का इलाज कर रहे थे, वहां कोई भी सीनियर डॉक्टर नहीं था,
दिन शुक्रवार को आसपास के मरीजो से मिली जानकारी के अनुसार, “निश्चय टाइम्स” के पत्रकार वहां रात के समय मटियारी से चिनहट की और जा रहे थे तभी अचानक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर एक मरीज दिखा उससे पूछने पर जानकारी मिली की “हमें बुखार था, हम दिखाने आये थे, बाहर से दरवाजा बंद होने के करण हम वहां से लौट आये, क्यूंकि अन्दर कोई मुझे नहीं दिखा”, वहीँ आसपास के लोगो से मिली जानकारी के अनुसार देर रात जब डॉक्टर अपने शयन कक्ष (EMO रूम) में चले जाते है तब बिना उनके जानकारी के, इंटर्न द्वारा स्वास्थ्य चिकित्सा की जाती है.
सीएचसी में बड़े हादसे को न्यौता
इलाज व्यवस्था की हकीकत जानने के लिए रविवार शाम निश्चय टाइम्स के संवाददाता प्रशान्त त्रिपाठी जब चिनहट सीएचसी पहुंचे तो अस्पताल में प्रशासन की तमाम कमियां देखने को मिली.
ईएमओ ऑफिस के ठीक बगल में खुले तारों वाला बिजली रूम है। यहाँ मामूली चूक भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इन खामियों पर कोई ध्यान नहीं दिया है।
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स्थानीय निवासी रमेश यादव का कहना है, “हमें यहां इलाज करवाने से डर लगता है। यह अस्पताल बीमारी का इलाज करने की बजाय नई मुसीबतें खड़ी करता है।” इस प्रकार की व्यवस्थाएँ अस्पताल की कार्यक्षमता और मरीजों की सुरक्षा को सवालों के घेरे में डालती हैं।
जिसमे सर्वप्रथम सीएचसी के अंदर पॉवर रूम में खुले तारों की व्यवस्था मरीज और उनके साथ आने वाले तीमारदारो के संग बचचो के लिए घातक साबित हो सकती है, क्यूंकि झाँसी में एक बहुचर्चित अस्पताल में ऐसी ही एक घटना में कई बच्चे आग में जल कर मर गये थे, इस प्रकार की घटना होने से पहले ही रोकथाम होना जरुरी है.
अन्यथा झाँसी वाली घटना चिनहट सीएचसी केंद्र में होने से ज्यादा देर नहीं लगेगी.
जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर से बात की गयी तब उन्होंने कहा; “आपकी बात हम हमारे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक तक अवश्य पहुचाएंगे.”
