नई दिल्ली। अडानी मामले को लेकर विपक्ष ने संसद परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन उस समय हुआ जब संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था, और विपक्षी दलों ने अडानी समूह पर लगे आरोपों की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। उनका कहना था कि अडानी समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप गंभीर हैं और इन पर उचित जांच होनी चाहिए।
विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार अडानी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में नरमी बरत रही है और इस मामले की जांच को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने संसद में सरकार से इस पर बयान देने की मांग की। विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, और अन्य विपक्षी दलों के सांसद शामिल थे। ये सांसद संसद के भीतर और बाहर नारेबाजी कर रहे थे और आरोप लगा रहे थे कि अडानी समूह को सरकार का संरक्षण मिल रहा है।
विपक्ष का यह भी कहना था कि अडानी समूह के साथ वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता की कमी है, और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है। प्रदर्शनकारी सांसदों ने सरकार से मांग की कि इस मामले में न्यायिक आयोग या उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया जाए।
इस प्रदर्शन के दौरान संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ, जिसके कारण कामकाज प्रभावित हुआ। विपक्ष ने संसद में आकर इस मुद्दे को उठाया, जबकि सरकार ने इसे राजनीतिक विरोध बताया और इस मामले में किसी भी गलत कार्यवाही से इंकार किया।
