कुपवाड़ा: ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की सर्जिकल कार्रवाई के बाद पड़ोसी मुल्क पूरी तरह बौखला गया है। जवाबी हमलों के दूसरे ही दिन पाकिस्तान ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में फायरिंग कर माहौल को भड़काने की कोशिश की। 7-8 मई की रात कुपवाड़ा, बारामूला, उरी और अखनूर सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की चौकियों से बिना किसी उकसावे के छोटे हथियारों और तोपों से गोलीबारी की गई।
भारतीय सेना ने पूरी मुस्तैदी के साथ जवाब दिया और सीमावर्ती इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई है। सेना के अनुसार, यह फायरिंग ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से तिलमिलाए पाकिस्तान द्वारा की गई उकसावे की कार्रवाई है।
बता दें कि मंगलवार रात भारतीय सेना ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का कड़ा जवाब देते हुए पाकिस्तान और पीओके के नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इनमें लश्कर-ए-तैयबा का मरकज तैयबा (मुरीदके), जैश-ए-मोहम्मद का सुभान अल्लाह मुख्यालय (बहावलपुर), हिजबुल मुजाहिदीन का महमूना जोया अड्डा (सियालकोट), और लश्कर का एक और गढ़ मरकज अहले हदीस (बरनाला) शामिल हैं।
इन हमलों में जैश प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और 4 शीर्ष सहयोगी मारे गए। यह पहली बार है जब भारत ने इतनी स्पष्टता से पाकिस्तान की जमीन पर मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर सफल हमले किए हैं।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जानकारी दी है कि इन हमलों के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों और आतंकी संगठनों में भारी खलबली है। मुरीदके जैसे इलाकों में लश्कर के ठिकाने अब मलबे में तब्दील हो चुके हैं।
इन हालातों को देखते हुए जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार ने केंद्रीय कंट्रोल रूम की स्थापना की है ताकि आतंकवाद पर रियल टाइम निगरानी रखी जा सके और किसी भी प्रकार की हरकत का तुरंत जवाब दिया जा सके।

Author: Sweta Sharma
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