लोकसभा में आज 75वें संविधान दिवस पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि संविधान और मनुस्मृति के बीच की लड़ाई अब स्पष्ट हो चुकी है। राहुल गांधी ने कहा कि जब देश के युवाओं को प्रतिस्पर्धी परीक्षा की तैयारी करने से रोका जाता है या उन्हें रोजगार से वंचित किया जाता है, तो यह एक तरह से उनके अधिकारों का हनन है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब एक धर्म को दूसरे धर्म के खिलाफ खड़ा किया जाता है, तो यह संविधान की भावना के विपरीत है।
संविधान और मनुस्मृति के बीच संघर्ष
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मनुस्मृति में लिखा है कि जो दुष्कर्म करता है, वह बाहर घूमे और पीड़ित परिवार को छुपकर जीने को मजबूर किया जाए। संविधान में ऐसी व्यवस्था नहीं है। हाथरस मामले में मनुस्मृति लागू हो रही है, जबकि संविधान में इसे रोका गया है।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें पीड़ित परिवार ने बताया कि यूपी सरकार ने पुनर्वास का वादा किया था, लेकिन चार साल बीत गए हैं और अभी तक कुछ नहीं हुआ है।
50 फीसदी आरक्षण की दीवार तोड़ने का संकल्प
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हम 50 फीसदी आरक्षण की दीवार को तोड़ेंगे। यह अधिकार की रक्षा के लिए आवश्यक है। जहां एक वर्ग को दबाने की कोशिश होती है, वहां इंडी गठबंधन आगे आएगा और न्याय सुनिश्चित करेगा। यह जातीय जनगणना के जरिए होगा, जिससे पता चलेगा कि कौन सी सरकारें कहां-कहां असमानता को बढ़ावा दे रही हैं।’’
देश में राजनीतिक, सामाजिक समानता की कमी
उन्होंने कहा, ‘‘देश में सामाजिक और आर्थिक समानता नहीं रही। आज राजनीतिक समानता भी खत्म हो गई है। हम एक नई राजनीति की दिशा में बढ़ रहे हैं, जिसमें हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा होगी।’’ राहुल गांधी ने कहा कि इंडी गठबंधन की विचारधारा देश में संविधान की रक्षा करेगी और न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.