सहारनपुर के शंभुगढ़ गांव निवासी एक पीसीएस अधिकारी ने समाज को एक नई दिशा दिखाते हुए शादी में दहेज के तौर पर मिली भारी-भरकम रकम को ठुकरा दिया। पीसीएस अधिकारी ने शगुन के तौर पर केवल एक रुपया और नारियल स्वीकार किया, जिससे उनकी सादगी और नैतिकता की खूब सराहना हो रही है।
सादगी भरी शादी की मिसाल
शंभुगढ़ गांव निवासी दलबीर सिंह के पुत्र भानू प्रताप सिंह, जो वर्तमान में मुरादाबाद में एस जीएसटी अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं, ने शादी में दहेज लेने से साफ मना कर दिया। 27 दिसंबर को भानू प्रताप सिंह की शादी उत्तराखंड के बहादराबाद निवासी पवन कुमार की पुत्री शिवांशी के साथ हुई। शादी में भानू ने दहेज के तौर पर दी गई लाखों रुपये की राशि और अन्य सामान को लेने से इनकार कर दिया।
शगुन में एक रुपया और नारियल लिया
पीसीएस अधिकारी भानू प्रताप सिंह ने केवल शगुन के तौर पर एक रुपया और नारियल लिया, जिससे उनकी सादगी की जमकर प्रशंसा हो रही है। दलबीर सिंह ने बताया कि वधू पक्ष से उन्हें शादी के दौरान मिलने वाली रकम और घरेलू सामान को स्वीकार न करने के लिए भानू ने कड़ा निर्णय लिया।
समाज में संदेश
भानू प्रताप सिंह के इस कदम से समाज में दहेज प्रथा को लेकर जागरूकता और सकारात्मक संदेश जा रहा है। उन्होंने कहा कि दहेज समाज के लिए एक गंभीर समस्या है और इसे समाप्त करने की दिशा में सबको पहल करनी चाहिए। उनके इस उदाहरण ने अन्य युवाओं को भी अपनी शादी में दहेज की प्रथा को समाप्त करने के लिए प्रेरित किया है।
सराहना का सिलसिला
भानू प्रताप सिंह की सादगी और सामाजिक जिम्मेदारी को लेकर हर जगह प्रशंसा हो रही है। उनके इस कदम से न केवल एक व्यक्तिगत उदाहरण कायम हुआ है, बल्कि पूरे समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में कदम उठाने की प्रेरणा भी मिल रही है।

Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.