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पीयूष गोयल ने एचएसएन कोड मैपिंग मार्गदर्शन पुस्तक का अनावरण किया

निश्चय टाइम्स, डेस्क। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल ने 20 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में ‘‘मेक इन इंडिया के 10 वर्ष पूरे होने का समारोह और अगली पीढ़ी के सुधार 2.0 पर चर्चा’’ कार्यक्रम के दौरान उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा तैयार नामकरण की सुसंगत प्रणाली (एचएसएन) कोड के मानचित्रण पर मार्गदर्शन पुस्तक का विमोचन किया। यह मार्गदर्शन पुस्तक भारत सरकार के 31 मंत्रालयों और विभागों को 12,167 एचएसएन कोड आवंटित करती है। इसका उद्देश्य विनिर्माण विकास, निवेश प्रोत्साहन और व्यापार सुगमता के लिए डेटा-संचालित दृष्टिकोण को अपनाने को बढ़ावा देना है। यह एक लचीले और प्रतिस्पर्धी विनिर्माण तंत्र के निर्माण की नींव का काम करेगी।
इसके महत्व पर जोर देते हुए, श्री गोयल ने उल्लेख किया कि यह मार्गदर्शन पुस्तक घरेलू उत्पादन क्षमता को मजबूत करने और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसके अतिरिक्त, यह राष्ट्रीय आर्थिक प्राथमिकताओं और डोमेन की मजबूती के अनुरूप, अधिक प्रभावी व्यापार समझौता वार्ताओं को भी बढ़ावा देगा। विशिष्ट एचएसएन कोड के लिए संबंधित मंत्रालय या विभाग की पहचान की सुविधा के साथ, यह पहल नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगी और व्यापार सुगमता को और बढ़ाएगी। उन्होंने आगे कहा कि यह मार्गदर्शन पुस्तक 2047 तक विकसित भारत के विजन को साकार करने में एक अभिन्न भूमिका निभाएगी, जिसमें शासन उद्योग की जरूरतों के प्रति उत्तरदायी होगा।
इस मार्गदर्शन पुस्तक के विकास का मूल, व्यापार वार्ताओं, आयात प्रतिस्थापन प्रयासों और एचएसएन कोडों की निश्चित मैपिंग के अभाव के कारण उद्योग जगत की चिंताओं के निवारण के दौरान उत्पन्न होने वाली लगातार चुनौतियों के अवलोकन में निहित है। इसके अलावा, अस्पष्ट स्वामित्व के कारण, बिना मैप किए गए कोडों को ‘अवशिष्ट उत्पाद’ के रूप में गलत वर्गीकृत किया गया था। इस समस्या के समाधान के लिए, डीपीआईआईटी ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की शुल्‍क नियमावली से प्राप्त 12,167 एचएसएन कोडों में से प्रत्येक के लिए मूल्य-श्रृंखला और उपयोग-मामले का विश्लेषण करके एक समग्र और सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया।
इसके बाद, उत्पाद की प्रकृति और अंतिम उपयोग के आधार पर प्रत्येक एचएसएन कोड की मैपिंग के लिए कार्य आबंटन (एओबी) नियम, 1961 की गहन समीक्षा की गई। प्रारंभिक मैपिंग पूरी होने के बाद, कई अंतर-मंत्रालयी परामर्श, कई संयुक्त कार्य समूह बैठकें, मंत्रालयों और विभागों के साथ 300 से अधिक व्यक्तिगत बैठकें, और उद्योग हितधारकों के साथ कई परामर्श आयोजित किए गए। प्राप्त फीडबैक का व्यवस्थित रूप से विश्लेषण किया गया और जमीनी स्तर की वास्तविकताओं को दर्शाने के लिए उसे शामिल किया गया।
इसके परिणामस्वरूप अंततः 31 मंत्रालयों और विभागों के लिए 12,167 एचएसएन कोडों का मानचित्रण किया गया। इस व्यापक और परामर्शात्मक प्रयास का परिणाम एक मार्गदर्शन पुस्तक के रूप में निकला जो अब विनिर्माण और व्यापार संबंधी लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए एक आधारभूत संसाधन के रूप में कार्य करेगी।
एचएसएन कोड की मैपिंग पर मार्गदर्शन पुस्तक मंत्रालयों और विभागों के लिए नीतिगत मंशा को कार्रवाई योग्य परिणामों में बदलने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक है। इसके प्रभावी उपयोग के लिए, ‘‘मार्गदर्शन पुस्तक का उपयोग कैसे करें?’’ शीर्षक से एक समर्पित भाग भी बनाया गया है जो तीन परिचालन स्तंभों पर आधारित है। ‘‘भारत में निर्माण’’ पर पहला खंड, क्षेत्र-अनुरूप विशिष्ट नीति बनाने, मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने और कार्यबल विकास पर जोर देकर भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने पर केंद्रित है। इस नींव पर निर्माण करते हुए, ‘‘ब्रांड इंडिया को मजबूत करें’’ स्तंभ का उद्देश्य गुणवत्ता वृद्धि को प्राथमिकता देकर ‘मेड इन इंडिया’ लेबल की वैश्विक धारणा को ऊंचा करना है। इन प्रयासों के पूरक के रूप में, ‘‘मेक फॉर द वर्ल्ड’’ स्तंभ अधिक प्रभावी व्यापार वार्ताओं का समर्थन करने के लिए समर्पित है

 

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Author: ntuser1

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